अब इंदौर में ही कोरोना के नए वेरिएंट का पता चलेगा

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By Shivani RathorePublished On: July 14, 2021
Corona

इंदौर : विभिन्न वायरसों विशेषकर कोरोना के नये स्वरूप का अब इंदौर में ही पता चल सकेगा। इसके लिये एमजीएम मेडिकल कॉलेज में शीघ्र ही जीनोम सिक्वेंसिंग की प्रयोगशाला स्थापित होने जा रही है। इसके लिये जल्द ही जरूरी मशीन और उपकरण स्थापित किये जाएंगे। इसके लिये संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने टेंडर प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए हैं। डॉ. पवन कुमार शर्मा ने आज यहाँ संभाग स्तरीय बैठक में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर विभिन्न तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित सहित मेडिकल कॉलेज से जुड़े विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, संभाग के जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा विभिन्न चिकित्सा विशेषज्ञ आदि उपस्थित थे।


बैठक में संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर विशेषज्ञों से कोरोना वायरस के स्वरूप के संबंध में चर्चा की। चर्चा के दौरान बताया गया कि अभी विभिन्न स्तरों पर इसका अध्ययन हो रहा है। संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने निर्देश दिए कि आगामी बैठक में अध्ययन रिपोर्ट विस्तार से प्रस्तुत की जाये, जिससे कि समय रहते उससे निपटने के लिये आवश्यक तैयारियां की जा सके। बैठक में बताया गया कि इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में जीनोम सिक्वेंसिंग की प्रयोगशाला बनाई जाना है। इसके लिये नई मशीन और उपकरणों की आवश्यकता है। डॉ. शर्मा ने निर्देश दिए कि मशीन और उपकरण की खरीदी की प्रक्रिया शीघ्र शुरू करें।

टेंडर प्रक्रिया तुरन्त प्रारंभ करें। यह प्रयोगशाला बन जाने से अब इंदौर में ही कोरोना के नये वेरिएंट का पता चल सकेगा। बैठक में बताया गया कि निजी क्षेत्र की लैबों में भी इस तरह की प्रयोगशाला जल्द इंदौर में शुरू होने वाली है। डॉ. शर्मा ने संभाग के सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए कि तीसरी लहर के आशंका के मद्देनजर गर्भवती माताओं, नवजात शिशुओं, बच्चों आदि के कोरोना संबंधी उपचार के लिये डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षित किया जाये। बताया गया कि अधिकांश जिलों में प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ हो गये हैं।