इंदौर में रविवार की शाम को गोगादेव नवमी धूमधाम से मनाई गई। शहर के विभिन्न हिस्सों से रात में जुलूस निकलें। सोमवार को नगर निगम ने सफाईकर्मियों को अवकाश दिया था, लेकिन शहर की सफाई सुचारू बनी रहे, इसके लिए जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और स्थानीय नागरिकों ने जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने सड़कें, उद्यान, मंदिर और अन्य सार्वजनिक स्थान साफ किए। वहीं शासकीय कर्मचारियों ने अपने-अपने कार्यालय परिसर की सफाई का काम किया।
सुबह मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और मेयर पुष्य मित्र भार्गव राजवाड़ा मौके पर पहुंचे और सड़क पर झाड़ू लगाने का काम किया। मार्ग पर बिखरे कचरे को उन्होंने उठाकर डस्टबीन में डाला। इस दौरान शहरवासी और स्वयंसेवी संगठनों के सदस्य भी सफाई में जुट गए।
पार्षद और महापौर परिषद के सदस्य अपने-अपने वार्डों में सफाई अभियान में सक्रिय रहे। मेयर भार्गव ने कहा कि इंदौर जनभागीदारी का एक आदर्श मॉडल है। सालभर यहां विभिन्न प्रकार के जुलूस आयोजित होते हैं—चाहे वे राजनीतिक हों या सांस्कृतिक। इन जुलूसों के पीछे सफाई मित्र शहर को साफ रखते हैं। हर साल वाल्मीकि समाज द्वारा वीर गोगा देव जुलूस निकाला जाता है। अगले दिन जब सफाई मित्रों को अवकाश होता है, तब शहरवासी स्वयं सफाई की जिम्मेदारी संभालते हैं।
रातभर चलती रही छड़ी की परंपरा
रविवार की रात विभिन्न स्थानों से छड़ी निशान निकालकर वीर गोगादेव महाराज का पूजन किया गया। वाल्मीकि बस्तियों से निशान निकलने की शुरुआत रात में हुई। इस दौरान शहर की प्रसिद्ध इमारतों की प्रतिकृतियां भी देखी गईं। राजवाड़ा, जो शहर का हृदय स्थल है, पर अलग-अलग क्षेत्रों से छड़ी निशान पहुंचे और विभिन्न मंचों से उनका उत्साहपूर्वक स्वागत किया गया।










