Indore: युवाओं ने सीखे उद्यमी बनने के तरीके, सफल स्टार्टअप्स और उद्यमियों से मिला हौंसला

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By Mukti GuptaPublished On: September 25, 2022

इंदौर। सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ऑडिटोरियम में 23 सितम्बर से चल रही एससी-एसटी वर्ग के आंत्रप्रेन्योर्स के लिए दो दिवसीय कार्यशाला का 24 सितम्बर को समापन हुआ. भारत के अग्रणी आंत्रप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म DICCI (दलित इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री) द्वारा इंदौर के इतिहास में पहली बार अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति के आंत्रप्रेन्योर्स के लिए दो दिवसीय बिज़नेस लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया। 23 और 24 सितम्बर, 2022 को पहली बार इंदौर में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य मध्य प्रदेश सरकार द्वारा व्यापारियों तथा एससी-एसटी वर्ग के आंत्रप्रेन्योर्स के लिए विशेष तौर पर बनाई पॉलिसीज़ और उनके लाभों से अवगत कराना था।

 

Indore: युवाओं ने सीखे उद्यमी बनने के तरीके, सफल स्टार्टअप्स और उद्यमियों से मिला हौंसला

प्रथम दिवस, 23 सितंबर कार्यक्रम का शुभारंभ राधेश्याम मंडलोई, एडीएम, इंदौर द्वारा किया गया। सभी अतिथियों का स्वागत करने के बाद डॉ. अनिल सिरवैया, अध्यक्ष डिक्की (DICCI), मध्यप्रदेश ने कहा, “विगत इकोनॉमिकल सर्वे और प्रमुख रिपोर्ट्स के अनुसार लगभग 4% एससी-एसटी वर्ग के लोग शासकीय सेवाओं से जुड़े हैं। एक बड़ा हिस्सा मजदूरी, कारखाने में काम कर रहा है, या खुद का छोटा-मोटा व्यवसाय कर रहा है। इस बड़ी संख्या को स्टार्टअप के लिए किस तरह बेहतर राह प्रदान की जाए, इसीलिए डिक्की ने प्लेटफार्म तैयार किया है । तीन समस्याओं का एक आंत्रप्रेन्योर सामना करता है, जो सलाह, पूँजी और बाजार है। इन समस्याओं का समाधान DICCI आंत्रप्रेन्योर्स को देता है। भारत के सभी राज्यों में DICCI की मौजूदगी है। साथ ही 7 इंटरनेशनल चैप्टर्स भी हैं। भारत सरकार के लगभग सभी मंत्रालयों के साथ डिक्की कार्यरत हैं।”

नरेश मुंदरे वाईस प्रेसिडेंट DICCI, MP अपने स्वागत सम्बोधन में कहा, “DICCI का मानना है कि बिज़नेस में आने वाली चुनौतियों को दूर करने के तरीके के साथ एक ऑर्गेनाइज़ेशन के लिए लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम्स बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता हैं। ऐसे में स्टार्टअप के दौरान होने वाली समस्याओं और उनके समाधानों के लिए आयोजित कार्यक्रम से भविष्य में होने वाले सकारात्मक प्रभाव ही DICCI की पहचान है। इस जागरूकता कार्यक्रम के बाद उद्योग जगत में क्रांतिकारी बदलाव आने की प्रबल सम्भावना है।” कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. निशांत खरे, कन्वेनर, स्टार्ट इन इंदौर ने कहा, “आज के समय में सभी को सरकारी नौकरी चाहिए, लेकिन करोड़ों को जनसँख्या में सभी को सरकारी नौकरी मिलना असंभव है। कितने ही आंदोलन क्यों न कर लिए जाएँ, ये नौकरियाँ पूरी नहीं पड़ सकती हैं। हम नौकरी माँगने वालों के बजाए नौकरी देने वाले बनने की जिस दिन सोचा रख लेंगे, उस दिन नौकरियों की लाइन लग जाएगी।

Indore: युवाओं ने सीखे उद्यमी बनने के तरीके, सफल स्टार्टअप्स और उद्यमियों से मिला हौंसला रोहन सक्सेना, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एमपीआईडीसी; श्रीमती अनुज्ञा हांडू, सीनियर स्टेटिस्टिक ऑफिसर एमएसएमई-डीएफओ, इंदौर सुनील ढाका, लीड डिस्ट्रिक्ट मैनेजर, बैंक ऑफ इंडिया, इंदौर, नंदिनी खंडेलवाल, सीआईआईई, स्मार्ट सिटी इन्क्यूबेशन सेंटर, जीतेन्द्र कुमार मिर्धा, सुमित साहू, मैनेजर, निकिता, डायरेक्ट शॉप किराना सक्सेस, गोविन्द बरोनिया, स्टार्टअप हेड, बैंक ऑफ बड़ौदा मौजूद रहे, इस कार्यशाला का हिस्सा बनें ।

दूसरे दिन, 24 सितंबर, कार्यशाला के अंतिम दिवस मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद, इंदौर के सांसद श्री शंकर लालवानी ने कहा की समाज को इस प्रकार की कार्यशाला के माध्यम से सभी आंत्रप्रेन्योर्स निश्चित तौर पर लाभ मिलेगा तथा एमएसएमई डिपार्टमेंट, सदस्य होने जे नाते भविष्य में होने वाले ऐसी कार्यशाला को एमएसएमई से सहयोग की आशा भी जताई ।

मध्य प्रदेश की औद्योगिक नगरी इंदौर मे एससी-एसटी वर्ग की ऐसी कार्यशाला का आयोजन निश्चित तौर पर आंत्रप्रेन्योर्स को व्यवसाय के नए आयाम स्थापित करने की सम्भावना लाएगा। यह वर्कशॉप न केवल आंत्रप्रेन्योर्स, बल्कि पूरे शहर और प्रदेश की आर्थिक स्थिति को प्रबल बनाने में योगदान देगा।

दो दिवसीय बिज़नेस लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम को सिडबी, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा स्टार्टअप और गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस के समर्थन तथा एन एस आई सी, एमएसएमई, स्टार्ट इन इंदौर, दर्वेश मार्केटिंग तथा कृषि, पशु-पालन व मछली पालन व्यवसाय को बढावा देने के लिए, अशोक कुमार वोहरा, बिज़नेस, डेवलोपमेन्ट मैनेजर, अपेडा द्वारा प्रस्तुति के साथ व सहयोग से आयोजित किया गया।