भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर (आईआईएम इंदौर) ने 03 अक्टूबर, 2021 को अपने गौरवशाली 25 वर्ष पूरे किए। कार्यक्रम का उद्घाटन आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो.हिमाँशु राय ने किया। अल्पेश शाह, मैनेजिंग पार्टनर, मैनेजिंग डायरेक्टर और सीनियर पार्टनर, द बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप इंडिया इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे। प्रो. राय ने अपने स्वागत भाषण में उल्लेख किया कि इन सभी वर्षों में संस्थान को विकसित होने में मदद करने वाला ‘विशेष घटक’ एक-दूसरे में विश्वास, एकजुटताऔर सभी की संस्थान के प्रति प्रतिबद्धता है।
‘जीवन में आप कहां भी जाते हैं यह इतना महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण बात यह है कि आप किसके साथ हैं। आईआईएम इंदौर एक परिवार है और हम सब साथ हैं’। उन्होंने कहा कि संस्थान अपने प्रतिभागियों के निरंतर विकास पर ध्यान केंद्रित करता है, और अब 16 देशों में 40 से अधिक विश्वविद्यालयों के साथ संस्थान का विदेशी सहयोग है। संस्थान बने रहने और सामाजिक रूप से जागरूक प्रबंधकों और उद्यमियों को विकसित करने के अपने मिशन पर दृढ़ है जो राष्ट्र निर्माण में योगदान देने की क्षमता रखें।
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उन्होंने संस्थान द्वारा की गई कई पहलों को साझा किया, जिसमें फ्रंटलाइन योद्धाओं को भोजन के पैकेट उपलब्ध कराने से लेकर मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए वीडियो मॉड्यूल तैयार करने तक शामिल हैं। ‘शहर, राज्य और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के अपने इस संकल्प के साथ ही हमने अब राऊ सर्कल को विकसित करने की पहल की है।
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मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि राऊ सर्कल अब आईआईएम इंदौर सर्कल के रूप में जाना जाएगा, और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम रोटरी और लैंडस्केप को अत्याधुनिक क्षेत्र में विकसित करेंगे’, उन्होंने कहा। हम सिर्फ लगन और मेहनत से काम करते रहें और और अधिक मेहनत करने की आकांक्षा रखें। हम सपने देखना कभी न छोडें, कभी कम में संतुष्ट न हों और कभी किसी चीज़ से निराश न हों’ उन्होंने कहा।
अल्पेश शाह ने स्थापना दिवस व्याख्यान में आईआईएम इंदौर समुदाय को अपने उल्लेखनीय 25 वर्ष पूर्ण करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि संस्थान ने न केवल रैंकिंग के मामले में बल्कि जेंडर डाइवर्सिटी में भी प्रगति की है। ‘कहा गया है कि इस दुनिया में जितने भी दिमाग हैं, उसमें 50 फीसदी हिस्सा महिलाओं का है और हमें सफल होने के लिए हर संगठन में लैंगिक समानता अपनानी चाहिए।
आईआईएम इंदौर में 42% से अधिक महिला प्रतिभागी हैं और यह उल्लेखनीय है’, उन्होंने कहा। उन्होंने एक संस्था बनाने के लिए सात प्रमुख तत्वों को साझा किया: अपने उद्देश्य को परिभाषित करें, एक आदर्श टीम बनाएं, उत्कृष्टता की निरंतर खोज में बने रहें, तैयारी करते रहें, अपने प्रतियोगी स्वयं बनें, साहसी बनें और मूल्यों पर अडिग रहे। ‘हर संगठन का एक उद्देश्य होना चाहिए और वह प्रत्येक हितधारक के दृष्टिकोण में अंतर्निहित होना चाहिए।
यह एक आदर्श टीम के ज़रिए प्राप्त किया जा सकता है -एक आदर्श टीम में हर व्यक्ति का आदर्श होना आवश्यक नहीं, अपितु, बल्कि टीम के प्रत्येक सदस्य की अनूठी प्रतिभा को पहचानना है जिससे एक टीम परिपूर्ण हो सके’, उन्होंने कहा। खेल के प्रति उत्साही होने के नाते, उन्होंने यह समझाने के लिए कई खेल वीडियो साझा किए कि कैसे दृढ़ता और कड़ी मेहनत किसी व्यक्ति को जीवन में सफल होने में मदद करती है।
उन्होंने कहा, ‘जीवन एक मैराथन है और हमें बार-बार तैयारी करने की जरूरत है ताकि हम अपनी दौड़ खुद लगाएं, रोज़ तरक्की करें और एक-दूसरे से प्रतियोगिता करने की जगह स्वयं में सुधार करें। उन्होंने हमेशा मूल्यों को जीने की सलाह दी, क्योंकि मूल्य औरनैतिकता ही आपको जीवन में सफल बनने में मदद करती है।
इस अवसर पर, संस्थान की उत्कृष्टता के 25 वर्षों को यादगार बनाने के लिए डाक विभाग द्वारा एक आईआईएम इंदौर स्पेशल कवर भी जारी किया गया। प्रो. हिमाँशु राय; अल्पेश शाह (मुख्य अतिथि); और प्रवीण श्रीवास्तव, अधीक्षक डाकघर, इंदौर मोफुसिल डिवीजन द्वारा विशेष कवर का अनावरण किया गया। आईआईएम इंदौर के प्रतिभागियों का संस्थान के विकास और प्रगति में समान रूप से योगदान रहा है।
इस साल, 25वें साल को खास बनाने के लिए, आईआईएम इंदौर की मीडिया और पीआर टीम ने आधिकारिक पॉडकास्ट – द आई-व्यू लॉन्च किया। आई-व्यू का उद्देश्य आईआईएम इंदौर के संकाय, पूर्व छात्रों और छात्र समुदाय के ज़रिये वैचारिक नेतृत्व को मजबूत करना है। पॉडकास्ट नैतिक नेतृत्व, वित्त, विपणन, प्रबंधन, और कई अन्य प्रासंगिक विषयों पर केन्द्रित रहेगा।
लॉकडाउन के दौरान, आईआईएम इंदौर के उत्पाद प्रबंधन क्लब – प्रोडलैब ने आईआईएम इंदौर के उन छात्रों की आवश्यकताओं को पहचाना, ऐसे छात्र जो तकनीक-प्रेमी हैं और स्क्रीन पर सिर्फ एक टैप के ज़रिए साथ अपनी दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों को करने का विकल्प चुनते हैं। इसलिए आईआईएम इंदौर कैंपस ऐप, पॉकेट-आई की अवधारणा शुरू हुई, जिसे स्थापना दिवस पर लॉन्च किया गया ।
ऐप आईआईएम इंदौर समुदाय के सदस्यों को कनेक्ट करने, नोट्स और टाइम टेबल देखने, परिसर में विक्रेताओं, खेल सुविधाओं और बुकिंग स्लॉट की जानकारी प्राप्त करने में सहायता करेगी। संस्थान हर साल अपने शिक्षकों को सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित करता है। इस वर्ष यह पुरस्कार प्रो. जतिन पांडेय और प्रो. मनोज मोतियानी को प्रदान किया गया, जिन्हें स्मृति चिन्ह और 1 लाख रुपये का नकद पुरस्कार मिला।
इस मौके पर बेस्ट स्टाफ अवॉर्ड की भी घोषणा की गई। पुरस्कार पाने वालों में उन्नी केआर (40,000 रूपए), डीडीवी प्रसाद राव, आनंद डोडावाद, निशा राठौड़, विजय कुमार और प्रवाह शुक्ला शामिल थे। सभी पुरस्कार विजेताओं को एक स्मृति चिन्ह और प्रत्येक को 30,000 रूपएरुपये का नकद पुरस्कार मिला। आईआईएम इंदौर से 10 और 20 वर्षों से सेवारत कर्मचारियों को भी इस अवसर पर सम्मानित किया गया।
इनमें प्रो. केआर जयसिम्हा, प्रो. स्वतंत्र, उन्नी केआर और डॉ. बलदेव डेंबानी शामिल थे। इस अवसर पर पीजीपी, पीजीपीएचआरएम और आईपीएम प्रतिभागियों के शीर्ष 5 पर्सेंटाइल ने भी अकादमिक उत्कृष्टता का प्रमाण पत्र प्राप्त किया। इस अवसर पर आईआईएम इंदौर ने स्वतंत्रता, विकास और समृद्धि के प्रतीक के रूप में 25 पक्षियों को पिंजरों से मुक्त किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।