इंदौर। जीनियस एकेडमी की शुरुआत लॉकडाउन से पहले 2020 मैं की गई थी। कोचिंग क्लास की शुरुआती साल में ही लोग डाउन लग गया इस वजह से क्लासेस लगभग स्थगित हो गई 2021 22 में दो बच्चों को जेईई की लासेस दी और उनका परिणाम यह आया कि दोनों बच्चों का आईआईटी में सिलेक्शन हो गया। अभी वर्तमान में जीनियस एकेडमी में नीट और जेईई के बच्चों को शिक्षा दी जा रही है।
सवाल. जीनियस एकेडमी की शुरुआत कब और कैसे हुई, क्या क्लास के स्टूडेंट ने देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में अपनी जगह बनाई है
जवाब. राम भाटिया बताते हैं कि मैं राजस्थान के उदयपुर का रहने वाला हूं शुरुआत में 2016 में जब इंदौर आया तो मैंने 2020 तक अन्य कोचिंग संस्थानों में अपनी सेवाएं दी उसके बाद अपनी खुद की क्लासेस स्टार्ट करने का संकल्प लिया शुरुआत में तो बहुत ज्यादा समस्याएं हुई लेकिन यह धीरे-धीरे सफर निरंतर चलता गया। अभी वर्तमान में गीता भवन पर अलंकार पॉइंट पर हमारी क्लासेस चल रही है। लोक डाउन के दौरान रणजीत हनुमान पर हमने महज दो बच्चों को हमने अपने शिक्षा प्रदान की और हमारी मेहनत के बूते दोनों बच्चों का आईआईटी में सिलेक्शन हो गया। इसमें हर्ष वर्मा का आईआईटी कानपुर और केशव महेश्वरी का सिलेक्शन आईआईटी जोधपुर में हुआ।

सवाल. क्लासेस किन एजुकेटर द्वारा ली जाती है क्या बच्चों की फीस स्ट्रक्चर में कोई विशेष ऑफर भी डरता है
जवाब. बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए फिजिक्स की क्लासेस मेरे द्वारा ली जाती है वही केमिस्ट्री की क्लासेस अमीन अख्तर सर और सृष्टि मैम द्वारा बायो और केमिस्ट्री दोनों की क्लासेस ली जाती है। अगर नीट और जेईई की परीक्षा के लिए फीस स्ट्रक्चर की बात की जाए तो यह 80 हजार है वही नीट की क्लासेस के लिए अभी विशेष ऑफर के तहत क्लासेस मात्र 25 हज़ार में पूरे साल के लिए एडमिशन दिया जा रहा है जोकि पहले 25 बच्चों पर लागू होगा।
सवाल. बच्चों को क्लासेस के साथ और कौन सी एक्स्ट्रा एक्टिविटी करवाई जाती है ताकि वह बेहतर परफॉर्मेंस कर सकें
जवाब. क्लास में बच्चों के बेहतर परफॉर्मेंस और रिवीजन के मकसद से रेगुलर टेस्ट भी करवाया जाता है इसी के साथ एडमिशन के बाद बच्चों को स्टडी मटेरियल, बैग्स, टीशर्ट और अन्य आइटम भी प्रोवाइड करवाए जाते हैं क्लासेस का समय 8 से लेकर दोपहर 2 बजे तक होता है वही कई बच्चों द्वारा एक्स्ट्रा फीस लेकर सुबह 8 बजे से लेकर रात के 8 बजे तक का सब्सक्रिप्शन भी लिया जाता है ताकि उन्हें वहां पर बैठकर पढ़ाई करने का मौका मिल सके। जेईई की परीक्षा के लिए कंप्यूटर के माध्यम से उन्हें टेस्ट सुविधा दी जाती है।

सवाल. आपने अपनी शिक्षा कहां से और किस क्षेत्र में पूरी की है इस फील्ड में आने का क्या मकसद है
जवाब. मैने बी टेक में आईआईटी मुंबई से अपनी पढ़ाई पूरी की है इसके बाद मल्टीनैशनल कंपनी में जॉब ऑफर हुई लेकिन मैने जॉब को चुनने की बजाय टीचिंग प्रोफेशन को चुना। मुझे टीचिंग में सुकून मिलता है इस फील्ड में बहुत ज्यादा सम्मान है जो मुझे इस फील्ड से जुड़े रखता है। मैं पिछले 25 सालों से टीचिंग प्रोफेशन में हूं और मैंने देश की कई क्लासेस में बच्चों को शिक्षा दी है। मेरा ऐसा मानना है कि कंपटीशन के इस दौर में बच्चों को अपना पोटेंशियल यूटिलाइज करना है तो कोचिंग और ट्रेनिंग बहुत ज्यादा जरूरी है जो उन्हें उनकी मंजिल पर पहुंचाने में मददगार होती है।










