8 दशक बाद राजबाड़ा में फिर लगेगा सत्ता का दरबार, मुख्यमंत्री करेंगे बैठक की अध्यक्षता, खाने में परोसा जाएगा दाल, बाटी और चूरमा

20 मई को देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती पर मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल की ऐतिहासिक बैठक पहली बार इंदौर के राजबाड़ा में आयोजित होगी। इस दौरान जनकल्याण योजनाओं पर मंथन, पारंपरिक मालवी स्वागत और भोजन, साथ ही देवी अहिल्याबाई के जीवन व राज्य सरकार की योजनाओं पर प्रदर्शनी भी होगी।

Srashti Bisen
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20 मई को मध्य प्रदेश सरकार इंदौर में राज्य मंत्रिमंडल की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित करने जा रही है, जो लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के अवसर पर आयोजित की जा रही है। यह बैठक खास इसलिए है क्योंकि पहली बार प्रदेश मंत्रिमंडल को राजबाड़ा के ऐतिहासिक स्थल पर एकत्र होने का अवसर मिलेगा। इस मौके पर, जनहित से जुड़ी योजनाओं और नीतियों पर गहन मंथन होने की संभावना है।

राजबाड़ा में आगामी बैठक के लिए अस्थायी सचिवालय की स्थापना की जा रही है, जहां सभी प्रशासनिक गतिविधियाँ संचालित होंगी। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, खास पुलिस दल तैनात किए गए हैं, ताकि बैठक के दौरान कोई समस्या न हो। राजबाड़ा को विशेष रूप से सजाया जा रहा है, जिसमें पारंपरिक और आधुनिक साज-सज्जा का शानदार संयोजन किया जाएगा। मालवी संस्कृति की झलक बैठक स्थल पर दिखेगी, साथ ही प्रकाश और पारंपरिक सजावट के माध्यम से राजबाड़ा का रूप पूरी तरह से बदला जाएगा।

मालवी परंपरा में स्वागत और भोजन

बैठक में शामिल होने वाले अतिथियों का स्वागत मालवी परंपरा के अनुरूप किया जाएगा। इसके बाद, बैठक के उपरांत राजबाड़ा के प्रथम तल पर पारंपरिक मालवी भोज का आयोजन किया जाएगा, जिसमें खासतौर पर दाल-बाटी, दही बड़ा, मावा बाटी जैसे स्वादिष्ट लोकल व्यंजन परोसे जाएंगे।

बैठक की शुरुआत और चर्चा के विषय

बैठक का आरंभ सीएम डॉ. मोहन यादव और अन्य मंत्रियों द्वारा मां देवी अहिल्याबाई की प्रतिमा पर माल्यार्पण से होगा। उसके बाद मंत्रिमंडल राजबाड़ा में आयोजित बैठक में शामिल होगा। इस बैठक में प्रदेश के विकास, जनकल्याण और सुशासन से जुड़ी योजनाओं पर विचार-विमर्श होने की संभावना है।

ट्रैफिक डायवर्जन की व्यवस्था

बैठक के दौरान राजबाड़ा क्षेत्र में ट्रैफिक को डायवर्ट किया जाएगा। शहर के पुलिस प्रमुख संतोष सिंह ने कहा कि बैठक के कारण राजबाड़ा के पास के रास्तों पर ट्रैफिक को रोका जाएगा और इसे वैकल्पिक मार्गों पर डायवर्ट किया जाएगा। इसके लिए पूरा ट्रैफिक प्लान तैयार किया जा रहा है।

देवी अहिल्याबाई के जीवन पर प्रदर्शनी

बैठक के साथ-साथ एक प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी, जिसमें लोकमाता देवी अहिल्याबाई के जीवन, उनके कार्यों और उनके योगदान को दर्शाया जाएगा। प्रदर्शनी में उनके प्रशासनिक कौशल, धार्मिक सहिष्णुता, और समाज कल्याण के विभिन्न पहलुओं पर आधारित चित्रों और अन्य माध्यमों से जानकारी दी जाएगी।

प्रदेश सरकार की योजनाओं पर प्रदर्शनी

इसके अतिरिक्त, प्रदर्शनी में प्रदेश सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण, सुशासन और जनकल्याण के क्षेत्र में की गई योजनाओं का भी प्रदर्शन किया जाएगा। इसके माध्यम से सरकार के कार्यों को और अधिक लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।

मंत्री तुलसी सिलावट की प्रमुख मांगें

इस खास अवसर पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कई अहम मांगें की हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि देवी अहिल्याबाई द्वारा स्थापित कुछ स्मारकों को संरक्षित कर, उन्हें राष्ट्रीय स्मारक के रूप में विकसित किया जाए। इनमें कम्पेल स्थित कचहरी, बावड़ी, शंकर मंदिर और गोवर्धन नाथजी का दस भुजानाथ मंदिर शामिल हैं। इसके अलावा, मंत्री ने लाडली सेना का नाम बदलकर ‘राजमाता अहिल्या सेना’ रखने और इंदौर के जिला अस्पताल का नाम ‘राजमाता अहिल्याबाई जिला अस्पताल’ करने की भी मांग की है।

सम्भावित योजनाओं और कार्यों की घोषणाएँ

मंत्री सिलावट ने जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत उन घाटों, बावड़ियों और धर्मशालाओं के जीर्णोद्धार की भी मांग की है, जो देवी अहिल्याबाई के योगदान का प्रतीक हैं। इसके साथ ही उन्होंने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के सभागृह का नाम बदलकर ‘राजमाता अहिल्याबाई सभागृह’ करने और इंदौर में एक राजकीय स्मृति संग्रहालय या डिजिटल गैलरी स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखा है।