मास्टर प्लान के तहत प्रदेश के इस शहर में बननी हैं 80 फीट चौड़ी सड़क, किन्तु व्यापारी बन रहे हैं राह का रोड़ा

इंदौर के मधुमिलन चौराहे से लेकर छावनी और जगन्नाथ धर्मशाला तक 80 फीट चौड़ी सड़क बनाने को लेकर नगर निगम और व्यापारियों के बीच विवाद गहरा गया है। व्यापारी सड़क की चौड़ाई 60 फीट रखने की मांग कर रहे हैं, ताकि उनका व्यापार प्रभावित न हो, जबकि निगम मास्टर प्लान के तहत 80 फीट चौड़ी सड़क बनाने पर अड़ा हुआ है।

Srashti Bisen
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Indore News : इंदौर के मधुमिलन चौराहे से लेकर छावनी और जगन्नाथ धर्मशाला तक मास्टर प्लान के तहत 80 फीट चौड़ी सड़क का निर्माण किया जाना है। लेकिन इस योजना को लेकर नगर निगम और व्यापारियों के बीच तनाव बढ़ गया है। व्यापारी वर्ग का कहना है कि अगर सड़क की चौड़ाई 80 फीट रखी जाती है, तो उनके व्यापार पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। इस वजह से उन्होंने नगर निगम से 60 फीट चौड़ी सड़क बनाने की मांग की है।

इंदौर के पुराने मार्गों में से एक छावनी क्षेत्र है, जहां संकरी सड़क के कारण दिनभर ट्रैफिक जाम रहता है। मास्टर प्लान के तहत इस सड़क को 80 फीट चौड़ा किया जाना प्रस्तावित है। निगम ने इसके निर्माण के लिए टेंडर जारी कर दिया है और सड़क की सेंटर लाइन भी डाल दी है। अब सड़क के दोनों तरफ 40-40 फीट चौड़ी सड़क बनाने के लिए निशान लगाए जा रहे हैं।

व्यापारी चाहते हैं 60 फीट चौड़ी सड़क

व्यापारी इस योजना से नाराज हैं और उनका कहना है कि 60 फीट चौड़ी सड़क बननी चाहिए ताकि उनका व्यापार बच सके। रविवार को विधायक गोलू शुक्ला की उपस्थिति में व्यापारी और रहवासी एक बैठक में जुटे। बैठक में पार्षद पंखुड़ी डोसी, मृदुल अग्रवाल और एमआईसी सदस्य मनीष शर्मा भी मौजूद थे। विधायक गोलू शुक्ला ने व्यापारियों को आश्वासन दिया कि मास्टर प्लान के तहत बदलाव संभव नहीं है, लेकिन वे उनके साथ हैं और इस मुद्दे को मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और महापौर पुष्यमित्र भार्गव के सामने उठाएंगे।

190 बाधक निर्माणों की की गई हैं पहचान

सड़क निर्माण के दौरान 190 बाधक निर्माणों की पहचान की गई है, जिनके टूटने से अधिकांश व्यापारिक संरचनाएं प्रभावित हो सकती हैं। इसके बाद रविवार को विधायक गोलू शुक्ला की अध्यक्षता में व्यापारियों और रहवासियों की बैठक हुई, जिसमें पार्षद पंखुड़ी डोसी, मृदुल अग्रवाल और एमआईसी सदस्य मनीष शर्मा भी मौजूद थे।

पहले भी छावनी क्षेत्र में ट्रैफिक सुधार के लिए किए गए प्रयास

इंदौर नगर निगम ने पहले भी छावनी क्षेत्र में ट्रैफिक सुधार के लिए कई प्रयास किए थे। तत्कालीन कलेक्टर आकाश त्रिपाठी के निर्देश पर मथुरावाला स्वीट्स और आसपास की अन्य बिल्डिंग्स को तोड़ा गया था। हालांकि, कुछ लोगों ने हाई कोर्ट से स्टे ले लिया था, जो अब खत्म हो गया है। इसके बाद छावनी चौराहे के बॉटलनेक को भी समाप्त किया गया था।