अगले 24 घंटों में प्रदेश के इन 10 जिलों में भारी बारिश के चलते बाढ़ ,भूस्खलन के आसार, मौसम विभाग ने जारी किया हाई अलर्ट

Simran Vaidya
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MP Weather: प्रदेश में अभी एक सप्ताह तक धुआंधार बरसात का दौर जारी रहने वाला है। आज मंगलवार को 27 जिलों में भारी वर्षा का अंदेशा जताया गया हैं। वहीं 12 जुलाई को भी सामान्य बारिश होगी। जिसके बाद 13 जुलाई से एक नवीन मौसम प्रणाली सक्रिय होने जा रही है। जिससे पूरे प्रदेश में फिर से भारी वर्षा का सिलसिला प्रारंभ होगा। इसके असर से जबलपुर समेत संभाग के कटनी, मंडला, डिंडौरी, बालाघाट समेत आस-पास के जिलों में तूफानी वर्षा का चरण जारी रहेगा। हालांकि कहीं-कहीं बरसात का येलो अलर्ट भी जारी कर दिया गया है।

अगले 24 घंटों में प्रदेश के इन 10 जिलों में भारी बारिश के चलते बाढ़ ,भूस्खलन के आसार, मौसम विभाग ने जारी किया हाई अलर्ट

इन जिलों में अफलातून का अलर्ट

  • मौसम विभाग की मानें आज मंगलवार को भोपाल, विदिशा, रायसेन, राजगढ़, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी में भारी वर्षा की आशंका है। शेष जगह हल्की फुल्की वर्षा हो सकती है।

     

  • भोपाल में आज मंगलवार को भारी वर्षा हो सकती है। बैरसिया, बैरागढ़, कोलार और शहरी भागों में बारिश का पूर्वानुमान है। इंदौर में कहीं-कहीं भारी वर्षा तो जबलपुर में तेज बारिश होने के आसार है। उसके बाद वर्षा की गतिविधियों में बढ़ोतरी आएगी।

     

  • आज ग्वालियर में कहीं-कहीं मामूली वर्षा हो सकती है। ग्वालियर-चंबल संभाग में कुछ जगहों पर सामान्य से भारी वर्षा हो सकती है। अंचल के शिवपुरी, गुना, अशोकनगर जिलों में भारी वर्षा की संभावना बनी हुई है।

     

  • 12 जुलाई को हल्की से भारी वर्षा की आशंका है। 12-13 जुलाई को हल्की से मध्यम बारिश की आशंका जताई गई है। 13 जुलाई को भारी बारिश का अनुमान जारी किया गया है। 14 जुलाई को साधारण बारिश का अंदेशा जताया गया है। टेंपरेचर भी समान ही बना रहेगा।

एक साथ कई सिस्टम एक्टिव

अगले 24 घंटों में प्रदेश के इन 10 जिलों में भारी बारिश के चलते बाढ़ ,भूस्खलन के आसार, मौसम विभाग ने जारी किया हाई अलर्ट

मौसम विभाग के मुताबिक, मौजूदा समय में एक साथ कई मौसम प्रणालियां सक्रिय है। मानसून द्रोणिका मौजूदा समय में बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। झारखंड पर हवा के ऊपरी हिस्सों में एक असरदार साइक्लोन के साथ अरब सागर और उससे सटे गुजरात पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक साइक्लोनिक चक्र बना हुआ है। इसके अतिरिक्त उत्तर-पश्चिमी राजस्थान पर भी एक साइक्लोन उपस्थित है। गुजरात के तट से लेकर केरल के तट तक एक अपतटीय द्रोणिका बनी हुई है। इसके अलावा हिमालय के समीप एक पश्चिमी विक्षोभ भी बना हुआ है। अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी से निरंतर नमी मिलने के कारण प्रदेश में रुक-रुककर बरसात हो रही है।