IAS Santosh Verma : मध्य प्रदेश के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी (IAS) संतोष वर्मा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। भोपाल में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान ब्राह्मण समाज की बेटियों को लेकर दिए गए उनके आपत्तिजनक बयान पर अब सियासत तेज हो गई है। भोपाल के भाजपा सांसद आलोक शर्मा ने इस मामले को लेकर दिल्ली में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह से मुलाकात की और वर्मा को तत्काल निलंबित करने की मांग की है।
सांसद आलोक शर्मा ने केंद्रीय मंत्री को एक पत्र सौंपकर इस मामले में सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा दिया गया ऐसा बयान न केवल संवैधानिक मूल्यों का अपमान है, बल्कि यह सामाजिक सद्भाव के लिए भी खतरा है।
सांसद ने शिकायत में क्या कहा?
सांसद आलोक शर्मा ने केंद्रीय मंत्री को सौंपे अपने पत्र में कहा कि संतोष वर्मा की टिप्पणी भारतीय संविधान की मूल भावना, सामाजिक न्याय, समानता और गरिमा के सिद्धांतों का सीधा उल्लंघन करती है। उन्होंने लिखा, “यह बयान देश के एक संपूर्ण समुदाय के सम्मान, सुरक्षा एवं सामाजिक प्रतिष्ठा पर प्रत्यक्ष आघात है।”

उन्होंने आगे कहा कि इस तरह का कथन न केवल जाति और लैंगिक आधार पर भेदभाव पैदा करता है, बल्कि विभिन्न समुदायों के बीच तनाव, वैमनस्य और सामाजिक विभाजन को भी उकसाता है। शर्मा ने मांग की है कि ऐसे गैर-जिम्मेदाराना आचरण के लिए अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।
अब आगे क्या?
मामला अब केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्री जितेंद्र सिंह के संज्ञान में आ चुका है। सांसद द्वारा सीधे शिकायत किए जाने के बाद अब IAS संतोष वर्मा पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की तलवार लटक रही है। यह देखना अहम होगा कि केंद्र सरकार इस गंभीर मामले में क्या कदम उठाती है। इस घटना ने मध्य प्रदेश में एक बड़ा सामाजिक और राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है, जिसकी गूंज अब दिल्ली तक पहुंच गई है।
क्या था पूरा मामला?
यह पूरा विवाद कुछ दिन पहले भोपाल में आयोजित ‘अजाक्स’ (अनुसूचित जाति जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ) के प्रांतीय अधिवेशन से शुरू हुआ था। इस कार्यक्रम में संगठन के नवनिर्वाचित प्रांताध्यक्ष संतोष वर्मा ने आरक्षण के मुद्दे पर बोलते हुए एक विवादित टिप्पणी कर दी थी। उनके बयान का वीडियो सामने आने के बाद से ही विभिन्न सामाजिक संगठन इसका विरोध कर रहे थे।
जब तक कोई ब्राह्मण अपनी बेटी मेरे बेटे को दान नहीं करता या उससे संबंध नहीं बनाता, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए” — संतोष वर्मा, IAS










