मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह के विवादित बयान से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगी। इस दौरान स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) अदालत को अपनी स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। याद रहे कि 28 जुलाई को हुई पिछली सुनवाई में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने शाह की ओर से दी गई सार्वजनिक माफी को अपर्याप्त और निष्ठाहीन मानते हुए खारिज कर दिया था। अदालत ने कहा कि मंत्री ने अपने बयान से जनभावनाओं को आहत करने की बात स्वीकार नहीं की। जस्टिस सूर्यकांत ने टिप्पणी की थी, “आप आत्मचिंतन करें कि अपनी गलती की सजा कैसे भुगतेंगे। जिस सार्वजनिक माफी की उम्मीद थी, वह कहां है? जांच के नाम पर अब तक क्या किया गया? यह माफी हमारे धैर्य की परीक्षा ले रही है।”
जानिए पूरा मामला
यह विवाद 11 मई को महू के रायकुंडा गांव में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान शुरू हुआ। इस मौके पर विजय शाह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का हवाला देते हुए कर्नल सोफिया कुरैशी के संबंध में आपत्तिजनक टिप्पणी की। उनका यह बयान सार्वजनिक होते ही तीव्र विरोध का कारण बना और मामला अदालत तक पहुँच गया।
पद से हटाने की याचिका ख़ारिज
इस मामले में कांग्रेस नेत्री जया ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर विजय शाह को पद से हटाने की मांग की थी। याचिका में संविधान के अनुच्छेद 164(3) के उल्लंघन का आरोप लगाया गया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया।