भोपाल में आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा को लोकायुक्त की टीम ने 28 जनवरी को कोर्ट परिसर के बाहर गिरफ्तार कर लिया। हालांकि लोकायुक्त ने दावा किया कि सौरभ को पहले ही हिरासत में लिया गया था। सौरभ के वकील राकेश पाराशर का कहना था कि वह कोर्ट के आदेश पर आज 11 बजे पेश होने वाले थे, लेकिन लोकायुक्त ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
आय से अधिक संपत्ति मामले में गिरफ्तारी
सौरभ शर्मा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज है, जिसके तहत लोकायुक्त और अन्य जांच एजेंसियां लगातार कार्रवाई कर रही थीं। सोमवार को सौरभ ने कोर्ट में खुद उपस्थित होकर सरेंडर करने का आवेदन दिया था, और एडीजे रामप्रसाद मिश्रा ने लोकायुक्त को केस डायरी के साथ पेश होने का आदेश दिया था।
कड़ी कार्रवाई के बाद गिरफ्तारी
सौरभ शर्मा के खिलाफ बीते दिनों कई जांच एजेंसियों द्वारा छापे मारे गए थे। 9 दिन में ईडी, लोकायुक्त और आयकर विभाग ने सौरभ के ठिकानों पर कार्रवाई की, जिसमें 93 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति का खुलासा हुआ। सौरभ के पास 52 किलो सोना, 11 करोड़ रुपए कैश, और अन्य कीमती सामान मिले थे। इसके अलावा, उसके परिवार और सहयोगियों के खातों में भी बड़ी रकम पाई गई।
सौरभ के ठिकानों से मिली करोड़ों की संपत्ति
लोकायुक्त की टीम ने 19 दिसंबर को सौरभ के भोपाल स्थित घर और ऑफिस पर छापा मारा था, जहां से 2.95 करोड़ रुपए नकद, 50 लाख रुपए के सोने-चांदी के जेवरात, 234 किलो चांदी और अन्य प्रॉपर्टी के दस्तावेज बरामद हुए थे। सौरभ के सहयोगी चेतन सिंह गौर के नाम पर लावारिस खड़ी एक कार से 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए का कैश भी बरामद किया गया।
जांच में मिली 100 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति
सौरभ शर्मा के ठिकानों पर हुई कड़ी छापेमारी के बाद कुल 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति का खुलासा हुआ। ईडी और लोकायुक्त की टीम ने सौरभ के रिश्तेदारों और दोस्तों के बैंक खातों और निवेशों की भी जांच की, जिसमें करोड़ों की संपत्ति और विदेशी निवेश का पता चला।