MP में बिजली व्यवस्था में बड़ा बदलाव, अगस्त से लागू होगा प्रीपेड मॉडल, अब उपभोक्ताओं को कराना होगा रिचार्ज

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By Abhishek SinghPublished On: July 18, 2025

अगस्त 2025 से मध्य प्रदेश में प्रीपेड बिजली प्रणाली को लागू किया जाएगा। इस योजना की शुरुआत पहले सरकारी दफ्तरों से होगी और इसके बाद इसे धीरे-धीरे आम उपभोक्ताओं तक विस्तार दिया जाएगा। बिजली वितरण कंपनियों ने इसके क्रियान्वयन की तैयारी शुरू कर दी है। प्रीपेड सुविधा की संरचना सरकारी उपभोक्ताओं और आम जनता के लिए भिन्न रखी जाएगी।

मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अनुसार, अगस्त 2025 से मालवा-निमाड़ क्षेत्र के लगभग 10 हजार सरकारी कार्यालयों में प्रीपेड बिजली आपूर्ति शुरू की जाएगी। इसमें इंदौर के 1,550 सरकारी कार्यालय भी शामिल हैं। योजना के तहत दिसंबर 2025 तक इस क्षेत्र के सभी 50 हजार सरकारी कार्यालयों को प्रीपेड सिस्टम में लाया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि इस अवधि के भीतर प्रदेश के समस्त सरकारी कार्यालयों में यह व्यवस्था पूरी तरह लागू हो जाए।

दिसंबर 2025 के बाद प्रीपेड बिजली व्यवस्था का दूसरा चरण शुरू किया जाएगा, जिसमें आम उपभोक्ताओं को इस प्रणाली में शामिल किया जाएगा। इस चरण की शुरुआत वाणिज्यिक, औद्योगिक और अधिक लोड वाले उपभोक्ताओं से की जाएगी। इसके पश्चात धीरे-धीरे घरेलू उपभोक्ताओं को भी प्रीपेड मोड पर स्थानांतरित किया जाएगा।

पहले रिचार्ज, फिर उपयोग

आम उपभोक्ताओं के लिए प्रीपेड बिजली व्यवस्था का ढांचा सरकारी कार्यालयों से अलग होगा। उन्हें हर दो महीने में बिजली बिल जमा नहीं करना पड़ेगा। इसके बजाय, मोबाइल या वाई-फाई की तरह पहले रिचार्ज करना अनिवार्य होगा, तभी बिजली का उपयोग संभव होगा। उपभोग के अनुसार उनका बैलेंस धीरे-धीरे घटता जाएगा। उपभोक्ताओं को अपना बैलेंस देखने की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।

सरकारी विभागों के लिए दो महीने का एडवांस पेमेंट अनिवार्य

नई व्यवस्था के तहत सरकारी बिजली कनेक्शनों के लिए संबंधित अधिकारी की स्वीकृति के बाद विभागीय कोषाधिकारी को दो माह का अग्रिम भुगतान करना अनिवार्य होगा। इसके लिए संबंधित जोन, वितरण केंद्र प्रभारी और कार्यपालन यंत्री 30 जुलाई तक अधीक्षण यंत्री के माध्यम से विभागीय कोषाधिकारी को आवश्यक जानकारी भेजेंगे। इसके पश्चात कोषाधिकारी द्वारा निर्धारित दो माह की अग्रिम राशि बिजली कंपनी के खाते में स्थानांतरित की जाएगी।

इन कनेक्शनों के माध्यम से बिजली कंपनी को शुरुआत में दो माह का अग्रिम भुगतान प्राप्त होगा। इसके बाद प्रत्येक माह वास्तविक खपत के अनुसार बिल राशि वसूली जाएगी। उल्लेखनीय है कि प्रीपेड प्रणाली में उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 25 पैसे की विशेष छूट भी प्रदान की जाती है।

बिजली के मीटर में नहीं होगा कोई बदलाव

प्रीपेड बिजली प्रणाली लागू करने के लिए मीटर को बदला नहीं जाएगा, बल्कि कंपनी द्वारा लगाए जा रहे स्मार्ट मीटरों में ही यह सुविधा सक्रिय की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, आम उपभोक्ताओं को प्रीपेड मीटर अपनाने पर प्रति यूनिट 25 पैसे की टैरिफ छूट मिलेगी। इसके साथ ही, सरकार पूर्ववत सब्सिडी भी जारी रखेगी। वर्तमान में उपभोक्ताओं को वार्षिक खपत के आधार पर औसतन 45 दिनों के बिल के बराबर राशि सुरक्षा निधि के रूप में जमा करनी होती है।

अस्पतालों और थानों में बाद में लागू होगी नई बिजली व्यवस्था

ऊर्जा विभाग के निर्देशानुसार, बिजली कंपनियां फिलहाल अस्पताल, थाने और जल प्रदाय इकाइयों जैसे शासन के आवश्यक विभागों को प्रीपेड बिजली प्रणाली में शामिल नहीं कर रही हैं। जानकारी के अनुसार, इन विभागों को व्यवस्था लागू होने के एक या दो महीने बाद प्रीपेड मोड में जोड़ा जाएगा। इसके पश्चात अन्य शासकीय कनेक्शनों को चरणबद्ध रूप से जोड़ा जाएगा। वहीं, निजी उपभोक्ताओं को इस प्रणाली में शामिल करने पर निर्णय बाद में शासन द्वारा लिया जाएगा।

रिचार्ज की राशि पर मंथन जारी

हालांकि, विद्युत वितरण कंपनियों की ओर से यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि उपभोक्ताओं को कितनी राशि का रिचार्ज कराना होगा और उस पर कितनी यूनिट बिजली प्रदान की जाएगी।