भोपाल के निवासी सैयद इम्तियाज अली लंबे समय से कचरा और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर काम कर रहे हैं। उनका तैयार किया हुआ मॉडल देशभर में सराहा गया और अब इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनाने की योजना बन रही है। इस मॉडल को लेकर विभिन्न देशों के प्रतिनिधि जल्द ही भोपाल आएंगे, जहां वे इस प्रोजेक्ट का भौतिक निरीक्षण करेंगे। इसके बाद इम्तियाज इन देशों की यात्रा करेंगे, ताकि वे अपने अनुभव और नवाचार साझा कर सकें।
दिल्ली में भारतीय पैकेजिंग संस्थान द्वारा पैकेजिंग उद्योग से उत्पन्न अपशिष्ट के सतत प्रबंधन पर एक आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार के मंत्रालय द्वारा किया गया, जिसमें युगांडा, इथियोपिया, श्रीलंका, तंजानिया, ताजिकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, बांग्लादेश, चिली, मैक्सिको सहित 13 देशों के विषय विशेषज्ञों ने भाग लिया।
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इस दौरान, भारत में कचरा प्रबंधन से संबंधित विभिन्न नियमों की जानकारी दी गई और यह बताया गया कि कैसे पैकेजिंग इंडस्ट्री से उत्पन्न कचरे का वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन किया जा रहा है। सैयद इम्तियाज अली ने अपने प्रस्तुतीकरण में यह बताया कि कचरे से किस प्रकार से भारत में 8 करोड़ लोगों को रोजगार देने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि 19 प्रकार के कचरे को पृथक्करण और पुनर्चक्रण के बाद सड़क निर्माण, विभिन्न उत्पादों और ऊर्जा उत्पादन में उपयोग किया जा रहा है।
साथ ही, इम्तियाज अली ने बताया कि भारत में असंगठित क्षेत्र के कचरा बीनने वालों के लिए कोऑपरेटिव सोसाइटी का गठन किया जाएगा, और 2027 तक यह परियोजना देश के 5000 शहरों में लागू की जाएगी। इससे कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों को रोजगार मिलेगा और वे संगठित होकर सरकार के साथ मिलकर काम कर सकेंगे।
इम्तियाज के नेतृत्व में अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में नई दिशा
युगांडा, कजाकिस्तान और अन्य देशों के प्रतिनिधियों ने इस भोपाल मॉडल को अपने देशों में लागू करने के लिए अपनी सहमति व्यक्त की है। इन देशों द्वारा शीघ्र ही इम्तियाज अली को अपने यहां इस प्रोजेक्ट का प्रस्तुतीकरण देने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। इसके लिए संबंधित देशों के राजदूत जल्द ही भारत सरकार से संपर्क करेंगे।