छिंदवाड़ा नगर निगम के कर्मचारियों की सूची में अब भी मृतक और सेवानिवृत्त अधिकारी-कर्मचारियों के नाम दर्ज पाए गए हैं। संदेह है कि इन नामों पर फर्जी तरीके से नौकरी जारी रखी जा रही थी। बीते दो महीनों से लागू फेस अटेंडेंस प्रणाली के दौरान यह अनियमितता सामने आई है।
जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारी वर्तमान में नामों की सूची को संशोधित और अपडेट करने की प्रक्रिया में जुटे हैं। नगर निगम के रिकॉर्ड के अनुसार, अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए फेस अटेंडेंस सॉफ्टवेयर लागू किया गया है, जिसका ट्रायल पिछले दो महीनों से जारी है।
फर्जी नामों से बढ़ा निगम का वेतन भार
वर्तमान में नगर निगम पर 1,935 अधिकारी-कर्मचारियों के वेतन का मासिक खर्च करोड़ों रुपये तक पहुंच रहा है। आशंका है कि इस सूची में मृत, सेवानिवृत्त या फर्जी नाम भी शामिल हो सकते हैं, जिसके कारण निगम पर हर माह अनावश्यक वित्तीय बोझ बढ़ रहा है।
अनियमितताओं की जांच के लिए समिति का गठन
निगम आयुक्त के निर्देशानुसार इस अनियमितता की जांच हेतु एक समिति गठित की गई है। समिति नगर निगम के नियमित और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की वास्तविक संख्या का विस्तृत सत्यापन कर रही है। जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट शीघ्र ही आयुक्त को सौंपी जाएगी। इस समिति में उपायुक्त रोशन सिंह बाथम, उपायुक्त कमलेश निरगुडकर तथा कार्यालय अधीक्षक मोहन नागदेव शामिल हैं।
जांच समिति कर रही है नामों की छंटाई
सॉफ्टवेयर में कर्मचारियों के नाम पुरानी सूची से स्वतः शामिल हो गए हैं, जिनमें कुछ मृतक और सेवानिवृत्त कर्मियों के नाम भी पाए गए हैं। वर्तमान में इनकी पहचान और छंटाई की प्रक्रिया जारी है। साथ ही, निगम स्तर पर गठित जांच समिति इस संबंध में कार्य कर रही है, जिससे जल्द ही अद्यतन और सटीक सूची तैयार की जा सकेगी। — सी.पी. राय, आयुक्त, नगर निगम










