एमपी के इस शहर की सड़के होंगी डस्ट फ्री, फुटपाथ होंगे हरित पट्टी में तब्दील

ग्वालियर नगर निगम ने शहर को हरा-भरा और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए हरित पट्टियों का विकास, डस्ट फ्री सड़कें, पौधारोपण, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग और सीएनजी वाहनों जैसी योजनाएं शुरू की हैं। ये कदम पर्यावरण संरक्षण और जनस्वास्थ्य सुधार की दिशा में उठाए जा रहे हैं।

Srashti Bisen
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ग्वालियर नगर निगम ने शहर को हरा-भरा बनाने और वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाने की तैयारी कर ली है।

पर्यावरण संरक्षण और जनस्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए निगम द्वारा एक समग्र योजना तैयार की गई है, जिसका क्रियान्वयन इसी महीने से चरणबद्ध तरीके से शुरू होगा।

फुटपाथ होंगे हरित पट्टी में तब्दील

शहर के प्रमुख स्थानों जैसे एसपी ऑफिस रोड, विवेकानंद चौराहा और नाका चंद्रवदनी (झांसी रोड) पर स्थित फुटपाथों को हरियाली से ढंका जाएगा। इन स्थानों पर पेड़-पौधे लगाकर न सिर्फ सौंदर्य बढ़ाया जाएगा, बल्कि प्रदूषण के स्तर को भी नियंत्रित करने की कोशिश की जाएगी।

डस्ट फ्री बनेंगी 18 सड़कें

शहर की 18 प्रमुख सड़कों को धूल-मुक्त करने के लिए विशेष पहल की जा रही है। इन सड़कों को चिन्हित कर लिया गया है और प्रत्येक दिन इन पर पानी का छिड़काव किया जाएगा ताकि उड़ती हुई धूल को रोका जा सके। यह कार्य 2025-26 के नगर निगम बजट में भी शामिल किया गया है और इसी महीने से इस पर कार्य शुरू होगा।

1 लाख से अधिक पौधे लगाए जाएंगे

हर साल की तरह इस वर्ष भी शहर में एक लाख से अधिक पौधों का रोपण किया जाएगा। विशेष रूप से वार्ड-1 के बरा क्षेत्र की कचरा डंपिंग साइट को हरित क्षेत्र में बदलने की योजना है, जिसमें 1.75 लाख हेक्टेयर जमीन को शामिल किया जाएगा। सिरोल की पहाड़ी पर 10,000, हरित पर्वत पर 15,000, थीम पार्क में 10,500 और डंपिंग साइट पर 10,000 पौधे लगाए जाएंगे।

रेन वॉटर हार्वेस्टिंग को मिलेगा बढ़ावा

नगर निगम ने वर्षा जल संचयन (रेन वॉटर हार्वेस्टिंग) को भी अपनी योजना में शामिल किया है। गांधी रोड (1.8 किमी), जेयू परिसर, विभिन्न कॉलोनियों और 150 बड़े भवनों में वर्षा जल संचयन प्रणाली स्थापित की जाएगी। जिन घरों में अब तक यह सुविधा नहीं है, वहां भी इसे अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा। इस कार्य के लिए निगम के पास पहले से ही 10 करोड़ रुपये की निधि उपलब्ध है।

नगर निगम के वाहन होंगे सीएनजी पर आधारित

प्रदूषण को कम करने के लिए नगर निगम अपने लगभग 500 वाहनों में से अधिकतर को सीएनजी ईंधन पर चलाने की योजना बना रहा है। इससे न केवल ईंधन की लागत में कमी आएगी, बल्कि वाहनों से निकलने वाले धुएं में भी भारी कमी आएगी, जिससे शहर की वायु गुणवत्ता में सुधार होगा।