इंदौर के सहकारिता विभाग का नया फंडा खूब लूटो, मिल बांट कर खाओ

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By Suruchi ChircteyPublished On: July 27, 2021

अर्जुन राठौर

इंदौर का सहकारिता विभाग भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा केंद्र बन गया है इंदौर के जितने भी सरकारी विभाग हैं उनमें सर्वाधिक भ्रष्टाचार इसी विभाग में होता है इसका सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि 26 जुलाई को यहां पर प्रमोद तोमर नामक इंस्पेक्टर को 10000 की रिश्वत लेते हुए पुलिस ने गिरफ्तार किया है और इंस्पेक्टर के बारे में जो जानकारी आज मीडिया में आई है वह बेहद चौंकाने वाली है ।

बताया जाता है कि तोमर के पास ढाई हजार से अधिक गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं का कामकाज था और इन्हीं में संस्था के पदाधिकारियों से सांठगांठ करके वह रिश्वतखोरी करता था देखा जाए तो तो तोमर ने सहकारिता विभाग के नए फंडे पर पूरी ताकत के साथ काम किया । ये नया फंडा है खूब लूटो और मिल बांट कर खाओ । मीडिया में जो आज जानकारी प्रकाशित हुई है उसके अनुसार हाउसिंग सोसायटी को जमीन बेचने की एनओसी देने के नाम पर ₹5 लाख की वसूली की जाती थी ।

उल्लेखनीय है कि इंदौर में कई हाउसिंग सोसायटी ने अपनी जमीन दूसरों को बेच खाई और सदस्यों को ठेंगा दिखा दिया इंदौर में एक हवाई रेस्टोरेंट बनाया गया है उसकी जमीन भी पहले सोसाइटी की थी इस हवाई रेस्टोरेंट में भी भारी घोटाले हुए हैं टाउनशिप बनाने की एनओसी देने के नाम पर एक लाख से लेकर 5 लाख तक की रिश्वत मांगी जाती थी इसके अलावा यदि वरीयता सूची में हेराफेरी करवाना हो तो उसके लिए भी रिश्वत की दरें तय थी जिन संस्थाओं की शिकायतें मिलती उनके निराकरण के लिए हुए रिश्वत की दरें तय कर दी गई थी और प्रमोद तोमर इसी प्रकार की शिकायत में रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त के हाथों धरा गया है ।

प्रमोद तोमर के बहाने यदि शिवराज सरकार चाहे तो सहकारिता विभाग का कायाकल्प कर सकती है यहां सालों से जमे अधिकारियों और कर्मचारियों का तबादला किया जाना चाहिए और तोमर जैसे प्रतिनियुक्ति पर आए भ्रष्ट अधिकारियों को शासकीय सेवा से ही मुक्त कर देना चाहिए शिवराज सरकार यदि सचमुच सहकारिता विभाग को पारदर्शी बनाना चाहती है और वाजिब सदस्यों को उनके प्लाट दिलाना चाहती है तो इसके लिए सहकारिता विभाग में ऑपरेशन क्लीन चलाना पड़ेगा । प्रमोद तोमर के बहाने यदि यह काम हो जाए तो शिवराज सरकार को इसका श्रेय मिल सकता है।

इंदौर के सहकारिता विभाग का रिकॉर्ड इतना अधिक खराब है कि यहां पर आज तक किसी भी सदस्य को न्याय नहीं मिल पाया अधिकारियों के साथ सांठगांठ करके गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के पदाधिकारियों ने काले कारनामों को अंजाम दिया और यही वजह है कि इंदौर में हजारों लोग सालों से प्लाटों के लिए भटक रहे हैं और जमीन के जादूगर जमीनें बेच कर करोड़ों रुपए कमा चुके हैं ।