फिल्म दंगल की तर्ज पर उज्जैन के प्रजापत परिवार ने अपनी दो बेटियों को पहलवान बनाया. पिता की मेहनत रंग लाई और अब उनकी एक बेटी ने अंतरराष्ट्रीय जूनियर प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है. अब इस परिवार को मध्य प्रदेश सरकार से मदद की पूरी उम्मीद है.
जिस प्रकार फिल्म दंगल में हरियाणा के फोगट परिवार की कहानी बताई गई थी, उसी तर्ज पर उज्जैन के प्रजापत परिवार ने अपनी बेटी नूपुर और प्रियांशी को पहलवान बनाया. उनके पिता मुकेश प्रजापत भी पहलवान रह चुके हैं. मुकेश प्रजापत ने बताया कि वह शुरू से ही बेटियों को बेटे से कम नहीं मानते थे, इसलिए उन्होंने 11 साल की उम्र में ही प्रियांशी प्रजापत और नूपुर को पहलवानी करवानी शुरू कर दी थी. प्रियांशी ने बुलगारिया में हुई अंतरराष्ट्रीय जूनियर वर्ल्ड महिला कुश्ती प्रतियोगिता में 50 किलो वजन में कांस्य पदक जीता है.

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प्रियांशी ने बताया कि वह मध्य प्रदेश से एकमात्र महिला खिलाड़ी थी, जिन्होंने प्रतियोगिता में हिस्सा लिया जबकि हरियाणा सहित दूसरे प्रदेशों की कई महिला पहलवान प्रतियोगिता में शामिल हुई थीं. प्रियांशी ने बताया कि वह सुबह शाम 8 घंटे कड़ी मेहनत करती हैं. वर्तमान में राजधानी भोपाल में वह तैयारी कर रही हैं. प्रियांशी ने बताया कि उज्जैन में कोच नहीं होने की वजह से उन्हें भोपाल में रहकर पहलवानी करनी पड़ रही है.
महावीर सिंह फोगाट से कम नहीं प्रियांशी के पिता
प्रियांशी और नूपुर ने बताया कि उनके घर में फिल्म दंगल जैसा ही माहौल है, उनके पिता उनकी दोनों बेटियों की नियमित डाइट और एक्सरसाइज का पूरा ध्यान रखते हैं. उन्होंने बताया कि हमारी एक दिन भी अखाड़े की छुट्टी नहीं होती है. जिस तरीके से फिल्म दंगल में महावीर सिंह फोगाट का रोल बताया गया है, उसी तरीके से उनके पिता मुकेश प्रजापत का भी रोल घर पर रहता है.