शनिवार, 19 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। दोपहर के समय अफगानिस्तान में 5.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसका असर जम्मू-कश्मीर के कई क्षेत्रों में महसूस हुआ। धरती में कंपन से लोगों में घबराहट फैल गई और वे घरों से बाहर निकल आए।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, भूकंप भारतीय समयानुसार दोपहर 12:17 बजे आया। इसका केंद्र अफगानिस्तान के हिंदू कुश क्षेत्र में 86 किलोमीटर गहराई पर था।

तूफान और मूसलधार बारिश से सड़कें जलमग्न
जम्मू-कश्मीर के विभिन्न क्षेत्रों में भारी बारिश और तूफान ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है, हालांकि अब तक किसी भी प्रकार के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है। कश्मीर घाटी में बर्फबारी, मूसलधार बारिश और ओलावृष्टि के साथ-साथ बिजली गिरने की घटनाएं भी हुई हैं। शोपियां सहित अन्य क्षेत्रों में सेब उत्पादक किसान खासा प्रभावित हुए हैं।
मौसम विभाग ने 21 अप्रैल तक कश्मीर घाटी में गंभीर मौसम की चेतावनी जारी की है। पिछले 24 घंटों के दौरान गुलमर्ग, सोनमर्ग, तुलैल और गुरेज घाटी के ऊपरी इलाकों में ताजा बर्फबारी हुई है। अधिकारियों ने खराब मौसम को देखते हुए नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है, जबकि प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर गुरेज-बांदीपोरा रोड और मुगल रोड पर वाहनों की आवाजाही को अस्थायी रूप से रोक दिया है।
जम्मू कश्मीर में महसूस हुआ भूकंप, इन शहरों में आई हलचल
श्रीनगर, बारामुल्ला, अनंतनाग और कुपवाड़ा समेत कश्मीर घाटी के विभिन्न हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। दूसरा भूकंप, जिसकी तीव्रता 3.1 थी, भारतीय समयानुसार दोपहर 1:21 बजे आया, और इसका केंद्र जम्मू के डोडा जिले में 5 किलोमीटर की गहराई पर था। हालांकि, किसी भी भूकंप में किसी के घायल होने या संपत्ति को नुकसान पहुंचने की कोई तत्काल सूचना नहीं मिली है।
हिंदू कुश क्षेत्र में घटित भूकंप, यहां की जटिल टेक्टोनिक गतिविधियों के कारण, जम्मू, कश्मीर और उत्तर भारत के विभिन्न इलाकों को प्रभावित करने के लिए माने जाते हैं।