Jammu & Kashmir : जम्मू-कश्मीर में शपथ ग्रहण से पहले ‘रंग में भंग’, अब्दुल्ला सरकार में शामिल नहीं होगी कांग्रेस, बाहर से समर्थन की संभावना

Srashti Bisen
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Jammu & Kashmir : हाल ही में संपन्न जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में अब्दुल्ला पितापुत्र की नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी ने महत्वपूर्ण जीत हासिल की है। इस चुनाव में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने चुनाव पूर्व गठबंधन किया था, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा था कि दोनों दल संयुक्त रूप से सरकार बनाएंगे। लेकिन, अब यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार में शामिल नहीं होगी।

कांग्रेस का समर्थन और निर्णय

सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस पार्टी ने अब्दुल्ला पितापुत्र की सरकार में शामिल होने का निर्णय नहीं लिया है। इसके बजाय, कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को बाहर से समर्थन देने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के पीछे की वजह अभी तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह राजनीतिक परिदृश्य में एक नया मोड़ ला सकता है।

उमर अब्दुल्ला का मुख्यमंत्री पद

उमर अब्दुल्ला जल्द ही जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले हैं। शुक्रवार को विधायक दल की बैठक के बाद कांग्रेस ने समर्थन देने का फैसला किया। इसके बाद, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया। उमर अब्दुल्ला ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और चार निर्दलीय विधायकों के समर्थन पत्र भी राज्यपाल को सौंपे।

नए मंत्रियों की सूची

आज जम्मू-कश्मीर सरकार शपथ लेने जा रही है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ सकीना इतू, अली मोहम्मद सागर, हसनैन मसूदी, जावेद राणा, सैफुल्लाह मीर और सुरिंदर चौधरी मंत्री पद की शपथ लेंगे।

चुनावी आंकड़े

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे 7 अक्टूबर को घोषित हुए थे। अनुच्छेद 370 के हटने के बाद यह पहली बार था जब आम चुनाव हुए, इसलिए जनता की राय महत्वपूर्ण थी। इस चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 90 में से 42 सीटें जीतीं, जिससे वह सबसे बड़ी पार्टी बन गई। जम्मू क्षेत्र में बीजेपी ने 29 सीटें हासिल कीं, जबकि कांग्रेस ने केवल 6 सीटें जीतीं। महबूबा मुफ्ती की पीडीपी के पास सिर्फ 3 सीटें थीं। सज्जाद लोन की पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, आम आदमी पार्टी, और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने एक-एक सीट जीती, जबकि 7 विधानसभा क्षेत्रों में निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। इनमें से चार निर्दलीय विधायकों ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को समर्थन देने की पेशकश की है।

इस चुनाव के परिणाम जम्मू-कश्मीर की राजनीति में नए बदलाव की संभावना दिखाते हैं। कांग्रेस का बाहर से समर्थन देने का निर्णय और अब्दुल्ला के नेतृत्व में बनने वाली सरकार, राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।