इंदौर में मौसम ने फिर से करवट ली है, और आज शहर में तेज बारिश और आंधी की संभावना जताई गई है। रविवार को हुई भारी बारिश ने मई महीने में 70.2 मिमी बारिश का नया रिकॉर्ड स्थापित किया। मौसम विभाग के अनुसार, अगले तीन दिन भी ऐसा ही मौसम बने रहने की संभावना है। Indore Weather Update में शहरवासियों को जलजमाव और आंधी से सावधान रहने की हिदायत दी गई है। आइए, इस मौसमी बदलाव और आवश्यक सावधानियों के बारे में अधिक जानें।
इंदौर में रिकॉर्ड तोड़ बारिश का असर
रविवार को इंदौर में एक घंटे के भीतर 56.5 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई, और रात 8:30 बजे तक कुल 70.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। यह मई में पिछले 10 सालों का सबसे बड़ा बारिश का रिकॉर्ड है। रीगल क्षेत्र में 68.75 मिमी और एयरपोर्ट पर 70.2 मिमी बारिश हुई। कुछ इलाकों में ओले भी गिरे, जिससे तापमान 36.2 डिग्री तक गिर गया। इस बारिश ने शहर के 40 से ज्यादा स्थानों पर पेड़ गिरने और जलजमाव की स्थिति पैदा कर दी। कई चौराहों पर जाम और घुटनों तक पानी जमा होने से लोगों को परेशानी हुई।

इंदौर में अगले तीन दिन ये है मौसम का हाल
Indore Weather Update में मौसम विज्ञानियों ने बताया कि 5 मई से 7 मई तक इंदौर में तेज बारिश और गरज के साथ बौछारें जारी रहेंगी। आज दोपहर बाद बादल घेरने और आंधी के साथ बारिश होने की संभावना है। हवा की गति 40-50 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है, और कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि भी हो सकती है। तापमान में और गिरावट आ सकती है, जिससे गर्मी से राहत मिलेगी। हालांकि, जलजमाव और बिजली आपूर्ति बाधित होने का खतरा बना रहेगा, जैसा कि रविवार को 80 फीडरों पर बिजली गुल होने से देखा गया।
इंदौर शहर की स्थिति और चुनौतियां
रविवार की बारिश ने इंदौर नगर निगम की तैयारियों की पोल खोल दी। शहर के कई हिस्सों में जलजमाव और ट्रैफिक जाम की समस्या देखी गई। तेज हवाओं के कारण पेड़ गिरने से सड़कों पर आवागमन प्रभावित हुआ। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले तीन दिन भी ऐसी ही स्थिति रह सकती है। स्थानीय प्रशासन को सड़कों की सफाई और जल निकासी के लिए तुरंत कदम उठाने की जरूरत है। नागरिकों से भी अपील की गई है कि वे बारिश के दौरान सावधानी बरतें।
बरतें ये जरूरी सावधानियां
नागरिकों से अपील की गई है कि वे बारिश के दौरान घर से बाहर कम निकलें। पेड़ों और बिजली के खंभों के नीचे खड़े होने से बचें, क्योंकि तेज हवाएं और बिजली गिरने का खतरा हो सकता है। वाहन चालकों को सड़कों पर फिसलन और जलजमाव के लिए तैयार रहना चाहिए। किसानों को ओलावृष्टि से फसलों को बचाने के लिए पहले से इंतजाम करने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग ने स्थानीय प्रशासन से आपदा प्रबंधन के लिए तैयार रहने को कहा है।