करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद इंदौर बर्बाद

6 कारण असफल के जनसंख्या गलत आकलन, दैनिक पानी खपत आधि मानना , वर्षों जल निकासी जोडना, वाटर हार्वेस्टिंग का अ मेंतिरिक्त पानी जोड़ना, सिवरेज लाईन का ढलान दोष के कारण असफल हुआ इन्दौर का सिवरेज-वर्षा जल प्रोजेक्ट फैल ।

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2021 के मास्टर प्लान 505 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के मध्य 35 लाख अनुमति जनसंख्या कि सिवरेज – वर्षों जल निकासी के लिए 2006 मै jnnrum योजना के अंतर्गत 424 करोड़ रुपए का कार्य क्रियान्वयन किया गया । असफल परिणाम के सुधार के लिए 2014 तक सिंहस्थ योजना नाला टेपिंग कार्य पर 77 करोड़ रुपए खर्च करने के उपरांत भी असफल परिणाम निकले । नयी योजना अमृत के अन्तर्गत 1339.34 करोड़ रुपए व्यय कर देश मैं नं 1 वाटर प्लस का कथित रिकॉर्ड बनाने का दावा किया गया है । जमीनी हकीकत में 2020 मैं सौ साल कि सर्वाधिक बारिश 12.5 इंच एक दिन मैं बरसाने पर जितना नहीं डुबा, उससे अधिक 1 सितंबर 2021 को 2.6 इंच बरसने से डुबा गया ।

करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद इंदौर बर्बाद

करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद इंदौर बर्बाद

505 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के बदले 278 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र मैं 2021 से पुर्व 34 लाख जनसंख्या बसा दी, जबकि 1/3 क्षेत्र में अब भी 70% भुखण्ड पर बसावट नहीं हुई है। 505 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र कि 2000 करोड़ रुपए कि योजनाओं का 278 वर्ग किलोमीटर पर खर्च किया गया है । जो कि भारत सरकार द्वारा निर्धारित 35 लाख जनसंख्या के मान से 1646 से 400 करोड़ रुपए अधिक है । पानी खपत 135 लिटर प्रति व्यक्ति दैनिक खपत का आकलन करके सिवरेज लाईन डाली गयी है । जबकि वास्तविकता मैं 260 लिटर से अधिक है । वर्षाजल निकासी कि नदीयों का पानी इन पाईप लाईन से जोड़ा गया है । साथ हि साथ रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का अतिरिक्त पानी भी इसमें जोड़ दिया गया है । जनसंख्या गलत आकलन, दैनिक पानी खपत आधि मानना , वर्षों जल निकासी जोडना, वाटर हार्वेस्टिंग का अतिरिक्त पानी जोड़ना, सिवरेज लाईन का ढलान दोष के कारण असफल हुआ इन्दौर का सिवरेज-वर्षा जल प्रोजेक्ट फैल ।