इंदौर के लालबाग पैलेस, जो पहले होलकर परिवार का आवास हुआ करता था, अब सरकार के ध्यान केंद्र में है। इसे इंदौर का प्रमुख टूरिस्ट स्पॉट बनाने की योजना है। पैलेस के जीर्णोद्धार, सौंदर्यीकरण और इंटीरियर्स पर कुल पांच करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
गुरुवार को सांसद शंकर लालवानी ने लालबाग पैलेस का निरीक्षण किया। इस योजना के बारे में उन्होंने बताया कि इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर द आर्ट्स और मध्य प्रदेश सरकार ने पैलेस के लिए पांच योजनाएं बनाई हैं। इनमें पांच करोड़ रुपये की लागत से तीन वर्षों में विभिन्न कार्य किए जाएंगे। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य 19वीं और 20वीं सदी की इस ऐतिहासिक इमारत को क्षरण से बचाना और इसके पुरातात्विक महत्व को बनाए रखना है।
इस महल के विभिन्न हिस्सों की संरचनात्मक मजबूती, कला कृतियों और आंतरिक सजावट की सुरक्षा के लिए एक विशेष प्रयोगशाला स्थापित की गई है। इसमें विशेषज्ञ लगातार शोध कर रहे हैं और संरक्षण की नई तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं। दुर्लभ पेंटिंग्स और सजावटी कृतियों को संरक्षित किया गया है, जबकि दरवाजों पर लगे गोल्डन पैनलों की मरम्मत भी की जा रही है।
कालीनों में जमा वर्षों पुरानी धूल को किया गया साफ
लालबाग पैलेस में रखे गए वर्षों पुराने कालीनों की गहरी सफाई की गई, जिससे लगभग डेढ़ क्विंटल धूल बाहर निकली। इस सफाई कार्य में उन कारीगरों की मदद ली गई, जो पिछले पांच पीढ़ियों से कालीन बनाने और उनकी मरम्मत करने के पारंपरिक तरीकों में माहिर हैं।
अब लालबाग पैलेस के आंतरिक हिस्सों का संरक्षण कार्य किया जाएगा। इसके बाद, बाहरी क्षेत्र के लिए भी एक मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। साथ ही, पैलेस के बगीचे को भी संवारने की योजना बनाई जा रही है।