भारत की निकिता कुशवाह ने मिसेज यूनिवर्स फर्स्ट रनर-अप बनकर इतिहास रचा

Srashti Bisen
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इंदौर की बहू, निकिता कुशवाह, ने मिसेज यूनिवर्स प्रतियोगिता में फर्स्ट रनर-अप का प्रतिष्ठित खिताब हासिल करके देश का गौरव बढ़ाया है। उत्तर एशिया का प्रतिनिधित्व करते हुए, निकिता की उल्लेखनीय उपलब्धि वैश्विक मंच पर भारतीय महिलाओं की प्रतिभा और दृढ़ संकल्प को रेखांकित करती है।

पेशे से कार्डियक और रेस्पिरेटरी फिजियोथेरेपिस्ट निकिता की यह जीत कड़ी मेहनत, समर्पण और जीतने की भावना का प्रमाण है। मिसेज यूनिवर्स प्रतियोगिता में उनकी भागीदारी अपने आसपास की महिलाओं की जीवन के हरेक हिस्से में उत्कृष्टता प्राप्त करने की इच्छाशक्ति और संकल्प को उजागर करती है।भारत की निकिता कुशवाह ने मिसेज यूनिवर्स फर्स्ट रनर-अप बनकर इतिहास रचा

दक्षिण कोरिया के इंचियोन में 2 से 10 अक्टूबर तक आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता, मिसेज यूनिवर्स के 47वें संस्करण में 100 से अधिक देशों की प्रतियोगियों ने भाग लिया। निकिता के फाइनल तक के सफर ने उनकी बुद्धिमत्ता, सामाजिक कार्यों के प्रति प्रतिबद्धता और सुंदरता को प्रदर्शित किया।

खिताब जीत कर इंदौर लौट कर मीडिया से बात करते हुए, निकिता ने कहा, -“मैं अपने परिवार, दोस्तों और शुभचिंतकों से मिले सपोर्ट के लिए आभारी हूँ। मेरी यह उपलब्धि सपने देखने की शक्ति हिम्मत का प्रमाण है। मेरी कोशिश रहेगी कि मैं एक उदाहरण के रूप में और भी महिलाओं को अपने शौक, अपने जुनून को आगे बढ़ाने और अपना प्रभाव डालने के लिए प्रेरित कर सकूँ।”

निकिता ने एक नेशनल कास्ट्यूम राउंड में अयोध्या के राम मंदिर थीम पर बनी ड्रेस प्रेजेंट की। निकिता का कहना है – “दुनिया के बीच अपने देश का गौरव बताने का यह सबसे अच्छा मौका था, क्योंकि मिसेज यूनिवर्स सिर्फ़ एक सौंदर्य प्रतियोगिता नहीं है; यह विवाहित महिलाओं के लिए अपनी कम्युनिटी में योगदान देने और अपनी उपलब्धियों को प्रदर्शित करने का एक मंच है।“भारत की निकिता कुशवाह ने मिसेज यूनिवर्स फर्स्ट रनर-अप बनकर इतिहास रचा

यह प्रतियोगिता दुनिया भर की 18 से 55 वर्ष की विवाहित, तलाकशुदा और विधवा महिलाओं के लिए खुली है। प्रतिभागियों का मूल्यांकन न केवल उनकी सुंदरता के आधार पर किया जाता है, बल्कि उनकी बुद्धिमत्ता, व्यक्तित्व और किसी महत्वपूर्ण उद्देश्य के प्रति समर्पण के आधार पर भी किया जाता है।

बेलारूस की नतालिया डोरोशको ने मिसेज यूनिवर्स का ताज अपने नाम किया, वहीं निकिता की प्रथम रनर-अप के रूप में उपलब्धि भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। घरेलू हिंसा के प्रति जागरूकता के लिए उनकी वकालत और सामाजिक मुद्दों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने जजों और दर्शकों दोनों को प्रभावित किया।

निकिता कुशवाह की मिसेज यूनिवर्स प्रतियोगिता तक की उल्लेखनीय यात्रा और फर्स्ट रनर-अप के रूप में उनके प्रभावशाली प्रदर्शन ने वैश्विक सौंदर्य प्रतियोगिता के नक्शे पर भारत की स्थिति को मजबूत किया है। उनकी उपलब्धि देश भर और उससे आगे की महिलाओं के लिए प्रेरणा का काम करती है।