नई दिल्ली: कहां जाता है आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है इसका उदाहरण भारतीय सेना के एक नौजवान ने अपने अविष्कार में पेश किया है। भारतीय सेना अपनी कड़ी सुरक्षा के लिए वैसे ही विश्व में मशहूर है और इसी कड़ी में देश की सुरक्षा के लिए सेना के एक जवान ने स्वदेशी अविष्कार ‘माइक्रोकॉप्टर’ विकसित किया है जो सेना को निगरानी करने में काफी मददगार सिद्ध होगा।
भारतीय सेना के अधिकारी ने इस स्वदेशी आविष्कार को विक्सित किया है जिसका उपयोग सेना के जवानो द्वारा अब किसी भी ईमारत या कमरे जिसके अंदर किसी जवान का पहुंचना यदि मुमकिन न हो तो इस माइक्रोकॉप्टेर की सहायता से आसानी से निगरानी में इसका उपयोग किया जा सकता है।
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जम्मू-कश्मीर में एक पैरा स्पेशल फोर्स बटालियन द्वारा माइक्रो कंप्यूटर से छुपे हुए आतंकियों के ठिकाने का पता लगाया जा सकता है, बता दे की इस माइक्रोक्रॉप्टर को लेफ्टिनेंट कर्नल जीवाईके रेड्डी ने विकसित किया है।जम्मू-कश्मीर में एक पैरा स्पेशल फोर्स बटालियन द्वारा माइक्रो कंप्यूटर के परीक्षणों को सफलतापूर्वक किया गया है, जानकारी के मुताबिक माइक्रोक्रॉप्टर का परीक्षण किए जाने के बाद कुछ सुधार किए जाने बाकि है।
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भारतीय सेना ने सीमाओं के साथ निगरानी के लिए स्विच ड्रोन प्राप्त करने के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं. मोहित बंसल, आइडिया फोर्ज के मुताबिक, वर्टिकल टेक ऑफ और लैंडिंग ड्रोन में 4,500 मीटर की अधिकतम ऊंचाई पर दो घंटे तक उड़ान भरने की क्षमता है।