जयशंकर-वांग की मुलाक़ात, चीन को भारत की दो टूक

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By Akanksha JainPublished On: September 11, 2020
India china foreign minister

नई दिल्ली: मई से लद्दाख में लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल पर जारी तनाव के बीच पहली बार भारत और चीन के विदेश मंत्री की मुलाक़ात हुई है। रूस में शंघाई सहयोग संगठन से इतर हुई इस बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री वांग के सामने बॉर्डर का मुद्दा उठाया। उन्होंने चीन को दो टूक कहा कि उसे बॉर्डर से अपने बढ़ती सैनिकों की संख्या को कम करना चाहिए।

दोनों देशों के बीच इस बैठक में पांच सूत्रीय फॉर्मूले पर बात हुई, जिसके तहत तनाव को कम करने का फैसला लिया गया। सीमा पर 1975 के बाद पहली बार गोली चलने की घटना हुई, इसके बावजूद दोनों देशों की ओर से कहा गया कि दोनों मंत्रियों ने खुलकर बॉर्डर विवाद पर बात की और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की।

सूत्रों की मानें, तो भारत ने चीन के सामने बॉर्डर पर चीनी सैनिकों का मसला उठाया। साथ ही कहा कि 1993-1996 में जो भी समझौते हुए ये उसका उल्लंघन है। भारत ने ये भी कहा कि चीन ने इतने सैनिकों की तैनाती क्यों की है? हालांकि चीन की ओर से इसका जवाब नहीं मिला है।

दूसरी ओर चीनी विदेश मंत्री वांग यी की ओर से भी बॉर्डर पर शांति की बात कही गई, जबकि कहा गया कि सीमा पर गोलीबारी, घुसपैठ जैसी घटनाएं माहौल को बिगाड़ने का काम कर सकती हैं। चीन की ओर से बॉर्डर से सैनिकों को हटाने की बात कही गई।

दोनों देशों ने इस मुलाकात के बाद पांच बिंदुओं का एक साझा बयान जारी किया है-

  • दोनों देशों को अपने नेताओं के मार्गदर्शन में चलकर बातचीत को आगे बढ़ाना चाहिए और मतभेद को विवाद में नहीं बदलना चाहिए।
  • बॉर्डर पर मौजूदा हालात दोनों देशों के पक्ष में नहीं है, ऐसे में सेनाएं बातचीत जारी रखेंगी और सीमा पर हालात को सही करने का माहौल तैयार किया जाएगा।
  • दोनों देश भारत-चीन के बीच सीमा को लेकर मौजूदा समझौतों का पालन करेंगे और शांति बहाल करने का प्रयास करेंगे।
  • बॉर्डर विवाद को लेकर विशेष प्रतिनिधियों के बीच भी बात जारी रहेगी।
  • माहौल में शांति स्थापित होने के बाद दोनों देश अपने संबंधों को आगे बढ़ाने का काम करेंगे।