तेल विपणन कंपनियों (OMCs) ने 19 किलो वाले कमर्शियल LPG सिलेंडर की कीमत में कमी कर दी है। अब यह सिलेंडर पहले की तुलना में ₹51.50 सस्ता हो गया है। यह नई दरें 1 सितंबर से पूरे देश में लागू हो चुकी हैं। इस फैसले का सीधा असर होटल, रेस्टोरेंट और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर पड़ेगा, क्योंकि वहीं इस सिलेंडर का सबसे ज्यादा उपयोग करते हैं। हालांकि घरेलू LPG सिलेंडर के दामों में किसी तरह की राहत नहीं दी गई है।
व्यवसायिक उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ
कमर्शियल सिलेंडर का इस्तेमाल आमतौर पर होटल, ढाबा, रेस्टोरेंट, कैफे और अन्य व्यापारिक इकाइयों में बड़े पैमाने पर होता है। नई दरों के लागू होने के बाद इन प्रतिष्ठानों का खर्च कुछ हद तक कम हो जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से सबसे ज्यादा फायदा फूड और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को होगा, क्योंकि उनकी लागत का एक बड़ा हिस्सा गैस पर निर्भर करता है। वहीं घरेलू उपयोग के लिए खरीदे जाने वाले 14.2 किलो सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
घरेलू उपभोक्ताओं को राहत नहीं
जहां एक ओर व्यावसायिक उपभोक्ताओं को कीमतों में कटौती का लाभ मिल रहा है, वहीं रसोई गैस का इस्तेमाल करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं को कोई राहत नहीं मिली है। आम परिवारों को अभी भी महंगे सिलेंडर ही खरीदने पड़ रहे हैं। घरेलू गैस सिलेंडर के दाम जस के तस बने हुए हैं, जिससे आम घरों के बजट पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। लोगों को अब भी उम्मीद है कि आने वाले समय में घरेलू सिलेंडरों पर भी राहत मिल सकती है।
नई दरें कब से लागू
तेल विपणन कंपनियों द्वारा घोषित की गई ये संशोधित दरें 1 सितंबर से पूरे भारत में लागू हो चुकी हैं। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई जैसे बड़े शहरों में इसका असर दिखना शुरू हो गया है। देशभर के अन्य राज्यों में भी नए दामों पर ही सिलेंडर मिल रहा है। हालांकि यह कटौती केवल कमर्शियल श्रेणी तक ही सीमित है, जिससे आम उपभोक्ता फिलहाल इससे लाभान्वित नहीं हो पाए हैं।
कीमतों में उतार-चढ़ाव का कारण
LPG सिलेंडर की कीमतें तय करने में अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थिति अहम भूमिका निभाती है। कच्चे तेल (Crude Oil) के दामों में बदलाव और डॉलर-रुपये (Dollar-Rupee) के उतार-चढ़ाव का सीधा असर LPG सिलेंडर की दरों पर पड़ता है। तेल कंपनियां समय-समय पर इन कारकों के आधार पर दामों में बदलाव करती रहती हैं। इस बार केवल कमर्शियल सिलेंडर को सस्ता किया गया है, जिससे छोटे और बड़े व्यापारियों को आर्थिक रूप से थोड़ी राहत मिली है।