Mukhyamantri Fasal Bhandaran Sanrachna Yojana : गुजरात सरकार ने किसानों के लिए एक बड़ी राहत देने वाली योजना शुरू की है। मुख्यमंत्री फसल भंडारण संरचना योजना के तहत, किसानों को अपनी फसलों के सुरक्षित भंडारण के लिए सब्सिडी दी जाती है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान से बचने का मौका मिलता है।
किसानों को अक्सर अपनी फसल को कम कीमत पर बेचने की स्थिति का सामना करना पड़ता है क्योंकि उनके पास भंडारण की सुविधा नहीं होती। मुख्यमंत्री फसल भंडारण संरचना योजना किसानों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए है। इस योजना के जरिए, किसान अपनी उपज को सुरक्षित रखने के लिए गोदाम और अन्य भंडारण इकाइयाँ बना सकते हैं, जिससे वे फसल के मूल्य में उतार-चढ़ाव से बच सकेंगे। आइए जानते हैं इस योजना के बारे में विस्तार से…
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क्या है मुख्यमंत्री फसल भंडारण संरचना योजना (Mukhyamantri Fasal Bhandaran Sanrachna Yojana)?
मुख्यमंत्री फसल भंडारण संरचना योजना का उद्देश्य किसानों को उनके खेतों में फसल भंडारण की सुविधाएं मुहैया कराना है। इस योजना के तहत, किसानों को अपनी फसलों के सुरक्षित भंडारण के लिए अनाज गोदाम, साइलो, और भंडारण इकाइयाँ बनाने में सरकार की ओर से वित्तीय सहायता प्राप्त होती है। इससे किसानों को अपनी फसल लंबी अवधि तक सुरक्षित रखने का मौका मिलता है, जिससे उन्हें अच्छे मूल्य पर बेचने का अवसर मिलता है।
कैसे होती है किसानों को सहायता?

इस योजना के तहत, किसानों को भंडारण संरचनाओं के निर्माण पर सरकार से सब्सिडी मिलती है। पहले किसानों को कुल लागत का 50% या 75,000 रुपये तक की सहायता मिलती थी, लेकिन अब यह राशि बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है। इससे किसानों को ज्यादा आर्थिक सहायता प्राप्त होगी, जिससे वे अपने खेतों में भंडारण संरचनाओं का निर्माण कर पाएंगे।
इस योजना का लाभ कैसे उठाएं?
मुख्यमंत्री फसल भंडारण संरचना योजना का लाभ लेने के लिए किसान को कम से कम 330 वर्ग फीट का भंडारण ढांचा बनाना होगा। इसके लिए राज्य सरकार किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। योजना के तहत, किसानों को कुल लागत का 50 प्रतिशत या 1 लाख रुपये (जो भी कम हो) तक की सहायता मिलती है।