प्रवासी मजदूरों के लिए खुशखबरी, 50,000 घर बनाएंगी ये तेल कंपनियां

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By Akanksha JainPublished On: October 11, 2020
unemployed workers

नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते एक राज्‍य से दूसरे राज्‍य में काम की तलाश में पहुंचे प्रवासी मजदूर वापस अपने घरों की ओर लौट गए। जिसके बाद प्रवासी मजदूरों की सुविधा को मत्तेनजर रखते हुए मंथन शुरू हुआ। जिसके चलते केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को प्रवासी मजदूरों के लिए 50,000 मकान बनाने का निर्देश दिया है।

वही, पेट्रोलियम मंत्रालय ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड, गेल इंडिया लिमिटेड और ओएनजीसी को अपनी जमीनों पर प्रवासी श्रमिकों के लिए मकान बनाने को कहा है। साथ ही निर्देश के बाद कंपनियों ने तेज की जमीन तलाशने की कवायद
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में एक बैठक में कंपनियों को आवासीय इकाइयों के लिए जल्द से जल्द योजना बनाने को कहा।

साथ ही, मंत्रालय से निर्देश मिलने के बाद से ही कंपनियों ने प्रतिष्ठानों के आसपास प्रवासी मजदूरों के लिए मकान के लिए जमीनों की तलाश तेज कर दी है। वही, प्रवासी मजदूर इन मकानों में रहने के लिए बहुत कम किराया देना होना। लेकिन, कुछ कंपनियों के अधिकारी सरकार की इस योजना से सहमत नहीं हैं।
बता दे कि, सरकारी तेल कंपनियों के कुछ अधिकारियों का कहना है कि, रिफाइनरियों के करीब खाली जमीन नहीं होती है। उन्होंने नए मकान बनाने में काफी दिक्‍कत होगी। वही, पाइपलाइन जैसे प्रॉजेक्ट्स काफी दूर ही होते हैं, जहां प्रवासी मजदूर किराये पर नहीं रहना चाहेंगे।

बता दें कि, जुलाई में सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए किराये के सस्ते घर बनाने की योजना को मंजूरी दी थी। दरअसल, यह योजना लॉकडाउन में काम और रहने का ठिकाना न होने की वजह से लाखों श्रमिकों के अपने गांवों, कस्‍बों और शहरों को लौटने पर मजबूर होने के बाद उठाया गया था।