फिर बिगड़े पूर्व उपराष्ट्रपति अंसारी के बोल, तो शिया धर्म गुरु ने किया जोरदार पलटवार

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By Akanksha JainPublished On: November 21, 2020

नई दिल्ली : पूर्व राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने एक बार फिर से देश के मौजूदा हालातों को देखते हुए एक विवादित बयान दिया है. अंसारी ने राष्ट्रवाद को बीमारी करार दिया है. कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद शशि थरूर की किताब ‘द बैटल ऑफ बिलॉन्गिंग’ के विमोचन के दौरान हामिद अंसारी ने कहा कि भारत ऐसे ‘प्रकट और अप्रकट’ विचारों एवं विचारधाराओं से खतरों से गुजर रहा है जिसमें देश को ‘हम और वो’ के काल्पनिक श्रेणी के आधार पर बांटने की कोशिश में हैं.

अंसारी ने इस मौके पर विवादित बयान देते हुए कहा है कि कोरोना महामारी से पहले ही देश दो अन्य महामारियों ”धार्मिक कट्टरता” और ”आक्रामक राष्ट्रवाद” का शिकार हो चुका. इस दौरान समाज के साथ ही सरकार का भी धार्मिक कट्टरता के लिए उपयोग किया गया.

शिया धर्मगुरू ने किया जोरदार पलटवार…

हामिद के इस विवादित बयान पर शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने जोरदार पलटवार किया है. मौलाना अब्बास ने हामिद की कड़े शब्दों में निंदा की है और अंसारी के इस बयान पर उन्होंने आपत्ति जताई है. उन्होंने एक वीडियो जारी करते हुए हामिद पर निशाना साधते हुए कहा कि, हमारे देश में कट्टरता नहीं है. हमारा देश एकता का प्रतीक है. जहां हिंद, मुस्लिम,सिख,ईसाई यहूदी और पारसी एक साथ रहते हैं. मेरा देश एक गुलदस्ते की तरह है.

हामिद को नसीहत देते हुए अब्बास ने कहा कि हामिद को अगर बोलना ही था तो उन्हें सबके बारे में नहीं बोलना था बल्कि किसी एक व्यक्ति पर बोलना चाहिए था. पूरे देश पर बोलने का कोई मतलब नहीं है. भारत की आजादी में हिन्दू, मुस्लिम सिख सभी ने अपना खून बहाया है. पूर्व उपराष्ट्रपति के विवादित बयान पर मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि भारत में सभी लोग मिलकर रहते हैं. हिंदू का दरवाजा मुसलमान के दरवाजे से लगा हुआ है, तो वहीं मुसलमान का दरवाजा हिंदू भाई के दरवाजे से लगा हुआ है. भारत में पहले दोस्त और पड़ोसी काम आते हैं, जबकि रिश्तेदार बाद में आते हैं.