Delhi में बम धमकी का डर: 72 घंटे में 10 स्कूल-कॉलेज निशाने पर, कौन फैला रहा है दहशत?

बीते 72 घंटों में दिल्ली के कम से कम 10 स्कूल और एक कॉलेज को ईमेल के जरिये धमकियां मिलीं कि उन्हें बम से उड़ा दिया जाएगा।

Dileep Mishra
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Delhi: राजधानी दिल्ली एक बार फिर बम की धमकियों से दहशत के माहौल में घिर गई है। बीते 72 घंटों में दिल्ली के कम से कम 10 स्कूल और एक कॉलेज को ईमेल के जरिये धमकियां मिलीं कि उन्हें बम से उड़ा दिया जाएगा। इनमें से कई प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान जैसे सेंट थॉमस स्कूल द्वारका, वसंत वैली स्कूल वसंत कुंज, मदर्स इंटरनेशनल स्कूल हौज खास, रिचमंड ग्लोबल स्कूल पश्चिम विहार और सरदार पटेल विद्यालय लोदी एस्टेट शामिल हैं।

क्या है मामला?

पुलिस के मुताबिक, सभी धमकियां एक जैसे ईमेल फॉर्मेट में भेजी गईं, जिनमें स्कूल भवन को बम से उड़ाने की बात कही गई थी। जैसे ही यह ईमेल स्कूल प्रशासन को मिला, अफरा-तफरी मच गई। बच्चों को तुरंत स्कूल से निकाला गया, बम निरोधक दस्ता, दमकल और दिल्ली पुलिस की टीमें मौके पर पहुंचीं। कई घंटे सघन तलाशी अभियान चला लेकिन कहीं कोई विस्फोटक नहीं मिला। अब तक की पुलिस जांच और फोरेंसिक रिपोर्ट यही कहती है कि धमकियां फर्जी थीं। हालांकि, हर ईमेल को सुरक्षा के लिहाज से गंभीरता से लिया गया और बम स्क्वॉड द्वारा जांच कराई गई। लेकिन यह सवाल अब बड़ा हो गया है की कौन है जो बार-बार इस तरह के ईमेल भेज रहा है? और क्यों?

क्या है रूस से कनेक्शन?

पिछले साल मई 2023 में भी दिल्ली-NCR के 150 से ज्यादा स्कूलों को इस तरह की धमकी मिली थी। जांच में पाया गया कि ईमेल रूस स्थित एक डोमेन “mail.ru” से भेजे गए थे। भेजने वालों ने VPN (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) का उपयोग कर लोकेशन छिपाई। कई ईमेल पतों में “sawariim” जैसे शब्द मिले, जिसे IS (इस्लामिक स्टेट) की ऑनलाइन प्रचार सामग्री से जोड़ा गया। हालांकि, कोई आतंकी कनेक्शन प्रमाणित नहीं हुआ। पुलिस को यह भी संदेह है कि हो सकता है कि कुछ धमकियां छात्रों द्वारा परीक्षा टालने या छुट्टी कराने के इरादे से भेजी गई हों, लेकिन इस बार के मामलों की पैटर्निंग और समयबद्धता किसी व्यवस्थित साजिश की ओर इशारा कर रही है।

स्कूली शिक्षा पर पड़ रहा है असर

छात्र डरे हुए हैं, कई बच्चों ने स्कूल जाने से इनकार कर दिया। अभिभावक भयभीत हैं, बच्चों को स्कूल भेजने से पहले दो बार सोच रहे हैं। स्कूल प्रशासन हर ईमेल को गंभीरता से लेकर तत्काल सुरक्षा प्रोटोकॉल अपना रहा है। कक्षाएं बाधित हो रही हैं, पढ़ाई पर असर पड़ रहा है दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, साइबर क्राइम यूनिट और बम स्क्वॉड लगातार ईमेल सर्वर का विश्लेषण कर रहे हैं VPN इस्तेमाल करने वालों की ट्रेसिंग, डोमेन होस्टिंग कंपनियों से संपर्क, इंटरपोल और अन्य देशों की एजेंसियों से सहयोग ले रही है। लेकिन VPN के जरिए भेजे गए मेल कई बार ट्रेस करना बेहद मुश्किल हो जाता है। दिल्ली पुलिस ने पहले भी कक्षा 12 के छात्र को पकड़ा था जिसने 23 स्कूलों को धमकी भेजी थी। पूछताछ में उसने बताया था कि वह इंटरनेट के जरिए सॉफ्टवेयर हैकिंग और ईमेल स्पूफिंग सीख चुका था।

रोहिणी ब्लास्ट का साया

पिछले साल अक्टूबर में CRPF स्कूल, रोहिणी के बाहर हुआ ब्लास्ट अब भी लोगों के दिमाग में ताजा है। उस मामले में एक प्रो-खालिस्तानी संगठन ने जिम्मेदारी ली थी। हालांकि, धमाके में कोई हताहत नहीं हुआ था, लेकिन दिल्ली पुलिस उस मामले को आज भी संदिग्ध नजर से देख रही है। दिल्ली पुलिस ने इन मामलों की संयुक्त साइबर जांच शुरू की है। शिक्षा विभाग ने स्कूलों से कहा है कि वे आपातकालीन अभ्यास और सुरक्षा मानकों की समीक्षा करें। दिल्ली सरकार हर मामले पर पुलिस से रिपोर्ट मांग रही है। दिल्ली में बार-बार हो रही बम धमकियों ने न केवल स्कूल प्रशासन, बल्कि छात्रों, पेरेंट्स और आम जनता को भी मानसिक रूप से झकझोर दिया है। चाहे ये धमकियां फर्जी हों, लेकिन इससे होने वाला पैनिक और पढ़ाई का नुकसान बिल्कुल असली है। जरूरी है कि पुलिस ऐसे ईमेल भेजने वालों तक सख्ती से पहुंचे, चाहे वे बाहर से हो या अंदर से। स्कूलों को उड़ाने की धमकी अब मज़ाक नहीं रह गई। यह राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल बन चुका है