बीजेपी नेता के ट्वीट पर कांग्रेस ने कसा तंज, शायराना अंदाज में कहीं ये बड़ी बात

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By Akanksha JainPublished On: January 4, 2021

भोपाल। मध्यप्रदेश सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 3 जनवरी को अपने बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल का विस्तार किया और साथ ही सिंधिया समर्थक दो विधायकों तुलसीराम सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत को एक बार फिर कैबिनेट मंत्री का दायित्व सौपा है। हालांकि, इस लघु विस्तार के बाद सीएम शिवराज विपक्ष के निशाने पर है। दरअसल, कांग्रेस ने उन्हें असहाय और मजबूर मुख्यमंत्री का करार दिया है।

वही मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल के पुनर्गठन पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि, मंत्रिमंडल का पुनर्गठन देखकर यह स्पष्ट हो गया है कि मध्य प्रदेश में एक मजबूत नहीं, बल्कि असहाय और मजबूर मुख्यमंत्री कुर्सी पर बैठे हैं, भाजपा की इतनी दयनीय स्थिति पहले कभी नहीं देखी। ऐसा लग रहा है कि आज भाजपा कुछ जयचंदों व आयातित लोगों की पार्टी होकर उनके सामने गिरवी पड़ी है।

सरकार के फैसलों पर विपक्ष का निशाना साधना तो समझ आता है लेकिन शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार पर पार्टी के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने ही अपनी पार्टी के ऊपर सवाल उठाए हैं। बता दे कि, अजय विश्नोई ने दो ट्वीट कर लिखा कि, “महाकौशल’ अब उड़ नहीं सकता फड़फड़ा सकता है! मध्यप्रदेश में सरकार का पूर्ण विस्तार हो गया है। ग्वालियर, चंबल, भोपाल, मालवा क्षेत्र का हर दूसरा भाजपा विधायक मंत्री है। सागर, शहडोल संभाग का हर तीसरा भाजपा विधायक मंत्री है।”

साथ ही उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा कि, “महाकौशल के 13 भाजपा विधायकों में से एक को तथा रीवा संभाग में 18 भाजपा विधायकों में से एकको राज्य मंत्री बनने का सौभाग्य मिला है। महाकौशल और विंध्य अब फड़फड़ा सकते हैं उड़ नहीं सकते। महाकौशल और विंध्य को अब खुश रहना होगा। खुशामद करते रहना होगा।” बधाई।

वही वरिष्ठ बीजेपी नेता का ट्वीट सामने आते ही काँग्रेस ने एक बार फिर प्रदेश सीएम शिवराज सरकार पर वार किया। दरअसल, पूर्व मंत्री एवं काँग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा विधायक अजय विश्नोई के ट्वीट पर एक शेर कहते हुए कमेंट किया कि, “उसूलों पे जहाँ आँच आये टकराना ज़रूरी है, जो ज़िन्दा हों तो फिर जिन्दा नज़र आना ज़रूरी है। नई उम्रों की ख़ुदमुख़्तारियों को कौन समझाये, कहाँ से बच के चलना है कहाँ जाना ज़रूरी है……”