केंद्र सरकार का फैसला, देश की आंतरिक सुरक्षा में अहम भूमिका निभा रहे हैं गोविंद मोहन

Saurabh Sharma
Published:

केंद्र सरकार ने शुक्रवार, 11 जुलाई 2025 को एक अहम फैसला लेते हुए देश के गृह सचिव गोविंद मोहन का कार्यकाल 22 अगस्त 2026 तक बढ़ा दिया है। उनका मौजूदा कार्यकाल इस साल समाप्त होने वाला था, लेकिन अब वे अगले साल अगस्त तक या फिर अगले आदेश तक गृह सचिव के तौर पर अपनी सेवाएं जारी रखेंगे। यह फैसला कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) की सिफारिश के बाद लिया गया।

नियमों के तहत किया गया कार्यकाल विस्तार

कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में बताया गया कि यह विस्तार अखिल भारतीय सेवा (मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति लाभ) नियम, 1958 के एफआर 56(डी) और नियम 16(1ए) के प्रावधानों के तहत किया गया है। इन नियमों में किसी भी वरिष्ठ अधिकारी के सेवानिवृत्ति के बाद भी, यदि ज़रूरी समझा जाए, तो उनकी सेवाओं को आगे बढ़ाने का प्रावधान है। गोविंद मोहन की सेवानिवृत्ति की निर्धारित तिथि 30 सितंबर 2025 थी, लेकिन अब वह 22 अगस्त 2026 तक गृह सचिव बने रहेंगे।

कौन हैं गोविंद मोहन? जानिए उनका प्रशासनिक सफर

गोविंद मोहन सिक्किम कैडर के 1989 बैच के IAS अधिकारी हैं। उन्होंने अगस्त 2024 में भारत के गृह सचिव के रूप में पदभार संभाला था। इससे पहले वे भारत सरकार में संस्कृति मंत्रालय के सचिव रह चुके हैं। प्रशासनिक सेवाओं में उनका लंबा अनुभव रहा है और वे सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाओं और नीतियों में अपनी भूमिका निभा चुके हैं।

कोरोना महामारी के समय केंद्र सरकार ने उन्हें एक महत्वपूर्ण समन्वयक अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया था, जहां उन्होंने राज्यों के साथ तालमेल और केंद्र सरकार के निर्देशों के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी निभाई थी। उनकी नेतृत्व क्षमता और काम के प्रति गंभीरता को देखते हुए ही यह विस्तार दिया गया है।

गृह मंत्रालय की कमान, राष्ट्रीय सुरक्षा में अहम भूमिका

गृह सचिव देश के सबसे महत्वपूर्ण पदों में से एक होता है, जो आंतरिक सुरक्षा, कानून व्यवस्था और राज्यों के साथ समन्वय जैसे विषयों की निगरानी करता है। गोविंद मोहन को इस पद पर बनाए रखने का मतलब है कि सरकार उन्हें आगामी रणनीतिक फैसलों और नीतियों में एक विश्वसनीय नेतृत्वकर्ता के रूप में देख रही है।

देश की सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने, आतंकवाद से निपटने, और राज्यों के साथ बेहतर तालमेल बनाने में उनकी सक्रिय भूमिका रही है। आगामी समय में भी उनसे इसी तरह की प्रभावी प्रशासनिक दक्षता की उम्मीद की जा रही है।