लोकसभा में पेश हुआ लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने वाला विधेयक

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By Akanksha JainPublished On: December 21, 2021

नई दिल्ली। लड़कियों के विवाह की आयु 18 से बढ़ाकर 21 साल करने का प्रावधान करने वाले इस संशोधन विधेयक आज लोकसभा में पेश किया गया। लोकसभा में स्मृति ईरानी ने इस विधेयक को पेश करते हुए कहा कि, ‘एक लोकतंत्र में, महिलाओं और पुरुषों को विवाह का समान अधिकार देने में हमने 75 साल की देरी की है। इस संशोधन के जरिए पहली बार लड़के और लड़कियां दोनों ही 21 साल की आयु में समानता के अधिकार को ध्यान में रखते हुए अपने विवाह को लेकर निर्णय लेने में सक्षम हो पाएंगे।

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लोकसभा में पेश हुआ लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने वाला विधेयक

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस विधेयक पर कहा कि, हम सरकार को सलाह देना चाहते हैं कि जब काम जल्दी में किया जाता है तो गलतियां होती हैं। इस मामले पर देश में अभी विचार-विमर्श चल रहा है। केंद्र सरकार ने इस मामले को लेकर न तो किसी हिस्सेदार से बात की है और न ही किसी राज्य से सलाह ली है। चौधरी ने आगे कहा कि हम मांग करते हैं कि इस संशोधन विधेयक को संसद की स्थायी समिति के पास भेज दिया जाए।

इस पर हर विपक्ष ने अलग राय दी। साथ ही तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद सौगत राय ने आरोप लगते हुए कि यह विधेयक आपाधापी में लाया गया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह जल्दबाजी में सरकार यह विधेयक लेकर आई है, मैं उसका विरोध करता हूं। इस विधेयक पर सभी हिस्सेदारों को साथ लेकर ठीक तरह से विचार-विमर्श किए जाने की जरूरत है। टीएमसी सांसद ने आगे कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय ने इस संशोधन विधेयक के प्रति सख्त विरोध जताया है।

वहीं दूसरी ओर ऑल इंडिया मजसिल-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार करते हुए कहा कि यह संशोधन विधेयक अनुच्छेद 19 के तहत स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है। 18 साल के एक व्यक्ति प्रधानमंत्री चुन सकता है, लिव-इन संबंध में रह सकता है लेकिन आप उससे शादी करने का अधिकार छीन रहे हैं। ओवैसी ने आगे कहा कि भारत में महिला मजदूरी सोमालिया से भी अधिक है।