शराब घोटाला केस में अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका, 6 दिन की ED रिमांड पर भेजे गए

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By Deepak MeenaPublished On: March 22, 2024

शराब घोटाला केस में अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है. बता दें कि, कोर्ट ने सीएम को ईडी की 6 दिन की हिरासत में भेज दिया है. अब केजरीवाल को 28 मार्च को कोर्ट में पेश किया जाएगा. राउज एवेन्यू कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.


राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल राजू ने कहा कि इस पूरे मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मुख्य साजिशकर्ता हैं. केजरीवाल ने दूसरे नेताओं के साथ मिलकर साजिश रची. दिल्ली में नई शराब नीति लागू करने में केजरीवाल सीधे रूप से शामिल थे. पीएमएलए के तहत इस पूरे मामले में कई आरोप हैं. एक्सपर्ट कमेटी जिसका काम नीति के लिए राय इकट्ठी करना था, उसने कोई काम नहीं किया.

असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल राजू ने कहा कि मनीष सिसोदिया ने भी मामले में मुख्य भूमिका निभाई है. सिसोदिया की जमानत सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. ASG ने कोर्ट को बताया, मनीष सिसोदिया ने विजय नायर को केजरीवाल के घर बुलाया और शराब नीति से जुड़े दस्तावेज दिए. विजय नायर, अरविंद केजरीवाल और के. कविता के लिए काम कर रहा था और साउथ ग्रुप में मिडिल मैन की भूमिका में था. यही नहीं विनय नायर मुख्यमंत्री के आवास के पास रहता था, वह आप पार्टी का मीडिया इंचार्ज था.

असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल राजू ने कहा, गोवा में हवाला के जरिए 40 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे. प्रिंस कुमार को गोवा चुनाव के लिए सागर पटेल से पैसे मिले थे. इसकी पुष्टि उनके कॉल रिकॉर्ड से होती है. चरणप्रीत सिंह नामके शख्स ने गोवा में आम आदमी पार्टी के लिए पैसों का इंतजाम किया था. उन्होंने विजय नायर की कंपनी चैरियट मीडिया के साथ काम किया था.

चरणप्रीत सिंह को दिल्ली सरकार ने पीआर के लिए 55,000 रुपये के मासिक वेतन पर नियुक्त किया था. ईडी ने बताया कि हमारे पास चैट भी हैं, जो इसकी पुष्टि करते है. यही नहीं अधिकांश शराब विक्रेताओं ने अधिकतम सीमा तक नकद भुगतान किया है. ईडी ने कोर्ट को बताया कि केजरीवाल का सारा काम विजय नायर ने किया. नकदी इकट्ठा करना और लोगों को धमकाना उसका काम था.