Air India ने की बड़ी घोषणा, हिंदुओं और सिखों को फ्लाइट में नहीं परोसेगी ‘हलाल’ खाना

Author Picture
By Meghraj ChouhanPublished On: November 11, 2024

Air India: एयर इंडिया, जो टाटा समूह के स्वामित्व में है, ने हाल ही में उड़ानों के दौरान भोजन को लेकर एक अहम फैसला लिया है। कंपनी ने घोषणा की है कि अब से वह फ्लाइट्स में हिंदू और सिख यात्रियों को ‘हलाल’ मांस का भोजन नहीं देगी। इसके बजाय, इसे ‘स्पेशल मील’ के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा, जिसका मतलब होगा कि हलाल प्रमाणपत्र प्राप्त मांस को विशेष रूप से ‘स्पेशल मील’ के रूप में माना जाएगा। हलाल भोजन को पहले मुस्लिम भोजन के तौर पर जाना जाता था, लेकिन अब इसे इस नाम से संबोधित नहीं किया जाएगा।

‘स्पेशल मील’ का नया नामकरण

एयर इंडिया ने इस बात की पुष्टि की है कि वह अब ‘MOML’ (Muslim Meal) लेबल वाले भोजन को ‘स्पेशल मील’ (SPML) के रूप में पेश करेगी। यह मील विशेष रूप से हलाल प्रमाणपत्र प्राप्त मांस के साथ होगा। कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया है कि हलाल प्रमाणपत्र केवल उन्हीं मील्स के लिए दिया जाएगा जो पहले से प्रीबुक किए गए होते हैं। इस बदलाव का उद्देश्य विवादों से बचना और भोजन के नामकरण को अधिक निष्पक्ष बनाना है।

सऊदी अरब के लिए विशेष प्रावधान

एयर इंडिया ने यह भी बताया है कि सऊदी अरब के लिए जाने वाली उड़ानों पर सभी भोजन हलाल होंगे। विशेष रूप से हज यात्रा के दौरान जेद्दा, दम्मम, रियाद और मदीना जैसे क्षेत्रों के लिए हलाल प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। इन सेक्टरों पर हलाल प्रमाणपत्र जरूरी होगा, क्योंकि वहां पर धार्मिक दृष्टि से हलाल मांस का सेवन किया जाता है।

विवाद की शुरुआत

एयर इंडिया को यह निर्णय लेने के लिए कई विवादों का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने 17 जून को एयर इंडिया के इस तरह के भोजन लेबलिंग पर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने सवाल उठाया था कि एयर इंडिया की फ्लाइट में ‘हिंदू भोजन’ और ‘मुस्लिम भोजन’ का क्या मतलब है? क्या यह धर्म के आधार पर भोजन को वर्गीकृत करना सही है? टैगोर ने यह भी आशंका जताई थी कि क्या एयर इंडिया पर किसी विशेष विचारधारा का प्रभाव है। उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से इस मुद्दे पर कार्रवाई करने की मांग की थी।