कपड़े पर बढ़े हुए जीएसटी का विरोध सूरत से इंदौर तक आ चुका है। बताया जा रहा है कि फेडरेशन आफ सूरत टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन लगातार बढ़ते जीएसटी को देखते हुए पीएम मोदी को एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने जीएसटी को वापस लेने की मांग की है। दरअसल, इस सुचना के बाद अब इंदौर में भी महाराजा तुकोजीराव क्लाथ मार्केट मर्चेंट एसोसिएशन ने बैठक बुलाई।
ऐसे में अब इंदौर थोक बाजार में भी जीएसटी वापस लेने की मांग शुरू हो गई है। जानकारी के मुताबिक, जीएसटी काउंसिल की 45वीं बैठक में कपड़े पर जीएसटी की दर बढ़ाकर पांच प्रतिशत के बजाय 12 प्रतिशत करने की सिफारिश की गई थी। ऐसे में जिसके बाद अब ये 1 जनवरी से लागू किया जाएगा।
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इसके अलावा फोस्टा ने पीएम को पत्र लिखकर कहा है कि रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी जरूरतें कर मुक्त होना चाहिए। जिनमें कपड़े को छोड़कर सभी को सरकार ने कर मुक्त या सब्सिडी वाली श्रेणी में रखा है। वहीँ कपड़े पर दर 12 प्रतिशत की जा रही है, जबकि आजादी के बाद से 2017 तक कभी भी कपड़े पर कोई कर नहीं लगता था। दरअसल, अब कर लगाने पर कपड़ा आम लोगों के लिए महंगा हो जाएगा।