भोपाल : प्रदेश में छूआछूत को दूर करने के लिये अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग दम्पत्तियों को प्रोत्साहित कर रहा है। राज्य सरकार अब इन्हें प्रोत्साहित करने के लिये दो लाख रूपये का पुरस्कार दे रही है। वर्ष 2020-21 में योजना में 20 करोड़ 24 लाख रूपये की राशि 1012 दम्पत्तियों को उपलब्ध कराई गयी है। योजना में ऐसे दम्पत्तियों को पुरस्कृत किया जाता है, जिसमें सवर्ण युवक अथवा युवती द्वारा अनुसूचित जाति की युवक एवं युवती से विवाह किया जाता है।
सामाजिक समरसता के लिये सद्भावना शिविर
सामाजिक समरसता के निर्माण के उद्देश्य से जिला मुख्यालय पर सद्भावना शिविर आयोजित किये जा रहे है। सद्भावना शिविर का आयोजन मुख्य रूप से प्रतिवर्ष दो अक्टूबर को किया जाता है। शिविर के माध्यम से जन-सामान्य को छूआछूत की सामाजिक बुराई के बारे में जानकारी दी जाती है।
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नागरिक अधिकार का प्रभावी क्रियान्वयन
प्रदेश में उत्पीड़न के शिकार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों एवं उनके परिजनों को राहत राशि समय पर भुगतान करने के लिये योजना को लोक सेवा गारंटी अधिनियम में शामिल किया गया है। अनुसूचित जातियों को संवैधानिक सुरक्षा प्रदान करने के लिये अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 तथा नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये वर्ष 2021-22 में 111 करोड़ 28 लाख रूपये का बजट में प्रावधान किया गया है।
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राज्य सरकार ने प्रदेश के 43 जिलों में विशेष न्यायालय की स्थापना की है। प्रदेश के 7 जिलों में जिला एवं सत्र न्यायालय को विशेष न्यायालय के रूप में अधिसूचित किया है ताकि अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लोगों को त्वरित न्याय मिल सकें। मध्यप्रदेश देश में पहला राज्य जहाँ प्रत्येक जिले में अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत सभी जिलों में विशेष न्यायालयों की स्थापना की गई है।