अगले 24 घंटों में इन 13 जिलों में होगी भारी बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

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By Raj RathorePublished On: September 23, 2025

मध्य प्रदेश में मौसम एक बार फिर करवट ले रहा है! भारतीय मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में 13 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। विभाग ने बताया है कि इन इलाकों में तेज़ हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश हो सकती है, जिससे जनजीवन पर असर पड़ने की संभावना है।

किन जिलों में होगी जोरदार बारिश?

मौसम विभाग के मुताबिक, इंदौर, धार, खरगोन, बड़वानी, खंडवा, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट और डिंडौरी में बादल जमकर बरसेंगे। इन जिलों में अगले 24 घंटों के दौरान सामान्य से ज़्यादा बारिश होने की उम्मीद है। मध्य प्रदेश में इस समय मौसम का खेल जारी है, जहाँ कहीं हल्की फुहारें मन को सुकून दे रही हैं, तो कहीं चिलचिलाती धूप और उमस लोगों को परेशान कर रही है। एक ओर जहाँ गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों से मॉनसून वापस लौट रहा है, वहीं मध्य प्रदेश में इसका असर अभी भी बरकरार है। मौसम विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश में अक्टूबर के पहले सप्ताह तक बारिश होने की संभावना है, जिसके बाद ही मॉनसून की विदाई होगी। अगले 24 घंटों में प्रदेश के 13 जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है। वहीं, 25 और 26 सितंबर को भी कई जिलों में तेज बारिश के आसार हैं।

मॉनसून का सफर और बारिश का रिकॉर्ड

मौसम विभाग के अनुसार, इस साल मॉनसून ने 16 जून को मध्य प्रदेश में दस्तक दी थी। यह मॉनसून चक्र आमतौर पर सितंबर में खत्म हो जाता है, लेकिन इस बार इसका असर अक्टूबर के पहले हफ्ते तक देखने को मिल सकता है। अब तक की बात करें तो, पूरे प्रदेश में औसतन 43.9 इंच बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से लगभग 7.4 इंच ज़्यादा है। इस तरह, प्रदेश में सामान्य से 118% ज़्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है। हालांकि, सभी ज़िलों में स्थिति एक जैसी नहीं है।

कहाँ ज़्यादा, कहाँ कम?

इस साल मॉनसून की शुरुआत में इंदौर और उज्जैन संभाग में बारिश कम थी। एक समय तो ऐसा था कि इंदौर में सबसे कम बारिश हुई थी, जिससे लोगों में चिंता बढ़ गई थी। लेकिन सितंबर में हुई ज़बरदस्त बारिश ने पासा पलट दिया और आखिरकार इंदौर में सामान्य बारिश का आँकड़ा पूरा हो गया। इसके विपरीत, उज्जैन संभाग में अभी भी सामान्य बारिश का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया है। इसके अलावा, बड़वानी, खरगोन, और खंडवा जैसे जिलों में भी स्थिति अभी संतोषजनक नहीं है।