Prices of Crude Oil : अमेरिका में अगले साल जनवरी में सत्ता परिवर्तन होने वाला है, और इस बदलाव का असर दुनियाभर की नीतियों पर पड़ सकता है। सबसे बड़ा लाभ भारत के आम लोगों को हो सकता है, क्योंकि उन्हें सस्ते पेट्रोल और डीजल की सौगात मिल सकती है। भारत के पेट्रोलियम मंत्री, हरदीप सिंह पुरी के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप की वापसी से कच्चे तेल की सप्लाई बढ़ेगी, जिसके कारण कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आने की उम्मीद है, और इसका सीधा फायदा भारत को मिलेगा।
Prices of Crude Oil: सप्लाई में होगी बढ़ोतरी
हरदीप सिंह पुरी ने एक कार्यक्रम में बताया कि ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की सप्लाई बढ़ने की संभावना है, खासकर अमेरिका के कच्चे तेल के उत्पादन में वृद्धि से। अमेरिका वर्तमान में 13 लाख बैरल प्रति दिन (MBD) कच्चे तेल का उत्पादन करता है, और उम्मीद है कि इसमें 10 लाख बैरल प्रति दिन का इजाफा होगा। ट्रंप की जीत के बाद यह संभव हो सकता है, जिससे वैश्विक आपूर्ति बढ़ेगी।
Prices of Crude Oil: कीमतों पर पड़ेगा असर
अगर अमेरिका का कच्चा तेल उत्पादन और निर्यात बढ़ता है, तो इससे कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर दबाव बनेगा। इस समय, चीन की ओर से तेल की मांग में कमी और बढ़ते कच्चे तेल उत्पादन ने पहले ही कीमतों को थोड़ा कम किया है। इस सबका असर भारत जैसे देशों पर सीधा पड़ेगा, जिससे देशवासियों को पेट्रोल और डीजल के सस्ते दाम मिल सकते हैं।
Prices of Crude Oil: कीमतों में गिरावट की संभावना
हरदीप सिंह पुरी के मुताबिक, कच्चे तेल की कीमतें 70 डॉलर प्रति बैरल तक गिर सकती हैं, जो भारत और बाकी दुनिया के लिए फायदेमंद होगा। हालांकि, रूस-यूक्रेन युद्ध, पश्चिम एशिया में इजराइल-ईरान का तनाव और ऑयल प्रोड्यूसिंग देशों द्वारा उत्पादन में कटौती कच्चे तेल की कीमतों पर हल्का असर डाल सकते हैं।
डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के साथ यह उम्मीद की जा रही है कि वह यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे तनाव को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इसके अलावा, इजराइल और अन्य पश्चिम एशियाई देशों के बीच के तनाव को भी ट्रंप कम करने में सफल हो सकते हैं। अगर ऐसा हुआ, तो यह वैश्विक स्थिति को तेजी से बदल सकता है और कच्चे तेल की कीमतों पर भी सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।