रोहिंग्या (Rohingyas) मुस्लिम शरणार्थियों का मुद्दा भारत में बीते कुछ सालों में कुछ ज्यादा ही सुर्ख़ियों में रहा है, परन्तु इससे कहीं ज्यादा ध्यान इस मामले पर दिए जाने की विशेष आवश्यकता है। ताजा मामले में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) के रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए किए गए ट्वीट की चर्चा जोरो पर रही। जिसमें उनके द्वारा रोहिंग्या शरणार्थियों को उनके केम्प से निकालकर फ्लैटों में शिफ्ट करने की बात कही गई थी।
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गृह मंत्रालय ने दी सफाई
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए किए गए ट्वीट को लेकर देश भर में चर्चा छिड़ गई और कई लोगों के द्वारा केन्दीय मंत्री के इस ट्वीट पर आपत्ति भी जताई गई। जिसके बाद गृह मन्त्रालय ने सफाई देते हुए स्पष्ट किया है कि रोहिंग्या शरणार्थियों को डिटेंशन कैम्प में ही रखा जाएगा, नाकि किसी फ्लैट में उन्हें शिफ्ट किया जाएगा।
कौन हैं रोहिंग्या, भारत में कहाँ-कहाँ हैं इनके ठिकाने
जिन रोहिंग्या शरणार्थियों का चर्चा अभी जोरों पर है, आखिर कौन हैं ये रोहिंग्या यह प्रश्न दिलों में उठता रहता है। दरअसल ये रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थी म्यांमार देश के रखाइन प्रान्त में कई पीढ़ियों से रहते आ रहे थे, जिन्हे वहां कि सरकार और नागरिकों ने कभी अपना नहीं माना और देश से खदेड़ कर बाहर कर दिया। जिसके बाद ये रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थी बनकर भारत और बांग्लादेश में लाखों की संख्या में प्रवेश कर गए। भारत में दिल्ली, यूपी और हरियाणा, राजस्थान, हैदराबाद और महाराष्ट्र के विभिन्न इलाके में इन रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए कैम्प बनाए गए हैं। प्रश्न यह है कि इन रोहिंग्या शरणार्थियों का भारत में रहना कितना सही और सुरक्षित है और आखिर कब तक ये लोग हमारे देश में शरणार्थी बनकर रहेंगे ?