संसद में 18 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच नूपुर शर्मा प्रकरण पर टकराव निश्चित बात हो गई है। बीते सोमवार तक अकेले लोकसभा में सरकार और विपक्ष के 35 सांसदों ने नुपुर की पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ की गई टिप्पणी और उससे उपजे विवाद के संदर्भ में गृह मंत्रालय से संबंधित सवाल किए हैं। इसके अलावा नुपुर की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ की टिप्पणियों पर भी कुछ सदस्यों द्वारा कानून मंत्रालय से संबंधित सवाल किये गए हैं। सूत्रों के मुताबिक एआईएमआईएम मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने नुपुर की टिप्पणी के बाद सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों के बावजूद उनकी गिरफ्तारी न होने के संदर्भ में सवाल पूछे हैं।
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सत्ता पक्ष के सांसदों ने इस टिप्पणी के समर्थन में सोशल मीडिया में किए गए पोस्ट के बाद राजस्थान और महाराष्ट्र में हुई एक-एक व्यक्ति की हत्या के बारे में सवाल किया है। सोमवार तक लोकसभा में सांसदों की ओर से करीब 950 सवाल किये गए हैं। इनमें गृह मंत्रालय से जुड़े 135 सवाल हैं। इस मंत्रालय से जुड़े सवालों में धर्मांतरण और न्यूनतम समर्थन मूल्य समेत अन्य मुद्दों पर सरकार की घोषणा के महीनों बाद भी कमेटी गठन न होने के कारणों की जानकारी मांगी गई है।नुपुर मामले में सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ की कड़ी टिप्पणियां भी इस सत्र में मुद्दा बनेंगी। इस मामले में दोनों पक्षों ने सवाल किये हैं। सत्ता पक्ष के एक सांसद की ओर से सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर सरकार की राय मांगी है। गौरतलब है कि कानून मंत्री ने इस मुद्दे को उचित मंच पर उठाने का आश्वासन दिया है। लोकसभा में गृह मंत्रालय से जुड़े कुल 135 सवाल लगाए गए हैं। जिनमें कई विवाद हैं।