झारखंड सरकार ने जब से जैन तीर्थ स्थल श्रीसम्मेद शिखरजी को पर्यटक के लिए घोषणा की है। तब से लगातार जैन समुदाय इसका विरोध कर रहे है। प्रर्दशन शांति पूर्ण तरीके से कर रहे है। इसमें एक सागर मुनि आमरण अनशन पर थे, जिसमें उनका निधन हो गया है। इस मामले में अब केंद्र सरकार एक्शन में नजर आ रही है। मंत्रालय द्वारा अलग-अलग एजेंसियों के साथ बैठक रहा है।
मुनि ने त्यागें प्राण
जैन समुदाय के मुनि सुज्ञेय सागर महाराज बीते 25 दिसंबर से आमरण अनशन पर थे। इसमें बुधवार को उनका निधान हो गया है। इनके बाद अब एक और मुनि के आमरण अनशन पर बैठने की चर्चा हो रही है। इसी मामले में के्ंद्रीय पर्यटन मंत्रालय एक्शन में है। मंत्रालय ने बुधवार को एक अहम बैठत बुलाई थी। जिसमें पर्यटन के अलग-अलग एजेंसियां शामिल हुई। इस मामले में जल्द ही कोई निर्णय लिया जाएगा।
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दरअसल, मुख्यमंत्री हेमंत सोनेर ने गिरिडीह जिले के पारसनाथ पहाड़ी को पर्यटक स्थल घोषित किया था। पारसनाथ पहाड़ी को जैन समाज सर्वोच्च तीर्थ स्थल मानता है। सरकार ने इसे पर्यटक स्थल के रुप में 250 पन्नों का एक मास्टर प्लान तैयार किया है।
केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने इस मुद्दे को लेकर 22 दिसंबर को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चिट्ठी लिखी थी। इसमें कहा गया है कि इस तीर्थ स्थल को बदलने का उसका कोई विचार नहीं है और झारखंड के सीएम भी लोगों की भावना का ध्यान रखें।