देश के कुछ हिस्सों से लगभग मानसन की विदाई हो गई है। लेकिन कुछ भागों की बात करे तो इनमें भीषण बारिश होने की संभावना बनी हुई है। वही अगर दिशा के अनुसार मौसम उत्तर भारत से मानसून गायब हो गया है। लेकिन दक्षिण और मध्य भारत में अभी इसका असर बना हुआ है। इसी मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी करते हुए बताया कि महाराष्ट, केरल और कर्नाटक के कुछ इलाको में बरसात का दौर जारी है। इसकी वजह बंगाल की खाड़ी में चक्रवात बनने और इसके तूफान में बदलने की वजह भी सामने आर रही है।
मौसम ने बदली करवट
मौसम विभाग के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में चक्रवात के पूर्वानुमान और इसके तूफान में बदलने की आशंका के मद्देनजर एक बार फिर से मौसम के करवट लेने की संभावना है। बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है और वह वीकेंड तक चक्रवात में बदल सकता है। अगले 36 घंटे के अंदर बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम और उससे सटे पूर्व मध्य भाग के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है, इसके पश्चिम-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है और 22 अक्टूबर की सुबह तक बंगाल की खाड़ी के मध्य में यह दबाव का क्षेत्र बन सकता है।
तूफान का रूप लेने का आसार
हालांकि आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा है कि कम दबाव के क्षेत्र के तूफान का रूप लेने के आसार हैं, लेकिन इसकी तीव्रता और मार्ग के बारे में कोई पूर्वानुमान जारी नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कम दबाव का क्षेत्र बनने के बाद ही चक्रवात को लेकर हम और विवरण दे सकते हैं।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान (IMD Forecast) के बाद माना जा रहा है कि चक्रवात बनने के बाद बंगाल से सटे राज्य झारखंड, बिहार, ओडिशा तक के मौसम में बदलाव आ सकता है यहाँ भारी बारिश हो (IMD Heavy Rain Alert) सकती है, उधर यह भी अनुमान जताया गया है कि छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, झारखंड, ओडिशा और पूरे पश्चिम बंगाल के कुछ और हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी हो सकती है।
इतनी तारीख तक देखने को मिल सकती है बारिश
मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी 22, 23, 24 और 25 अक्टूबर को बारिश देखने को मिल सकती है। इस चक्रवात के दौरान हवा की गति 45 से 55 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से चल सकती है। वहीं, पश्चिम-मध्य और आसपास के उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में हवा की गति 65 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। चक्रवात के पूर्वानुमान को देखते हुए मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे 22 अक्टूबर की सुबह से अगली सूचना तक पश्चिम-मध्य और उससे सटे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के गहरे समुद्र क्षेत्र में न जाएं।