मारपीट बर्दाश्त नहीं होती, मरना चाहती हूं, 4 बच्चे लेकर कुएं में कूद गई महिला, चारों बच्चों की मौत

Deepak Meena
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मंदसौर: मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में रविवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। गरोठ थाना क्षेत्र के पीपलखेड़ा गांव में रहने वाली एक महिला ने अपने चार मासूम बच्चों को गोद में लेकर कुएं में कूदने की कोशिश की।

ग्रामीणों ने बचाया, लेकिन बच्चों की मौत: खेतों में काम कर रहे लोगों ने महिला को कुएं में कूदते हुए देख लिया और तुरंत उसे बचाने के लिए दौड़ पड़े। ग्रामीणों ने महिला को तो कुएं से निकाल लिया, लेकिन दुर्भाग्यवश उसके चारों बच्चों को बचाया नहीं जा सका और उनकी कुएं में डूबने से मौत हो गई।

पति से तंग आकर यह कदम: बताया जा रहा है कि महिला अपने पति से रोजाना होने वाली मारपीट से तंग आकर यह कदम उठाया था। महिला ने पुलिस को बताया कि वह रोज-रोज की प्रताड़ना से त्रस्त थी और अब जीना नहीं चाहती थी।

पुलिस ने मामला दर्ज किया: घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने महिला को हिरासत में ले लिया। वहीं, मृत बच्चों के शवों को कुएं से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए गरोठ अस्पताल भेज दिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और महिला से पूछताछ कर रही है।

क्या है इस घटना की मुख्य वजह?

पुलिस अभी इस घटना की मुख्य वजह की जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि महिला अपने पति से रोजाना होने वाली मारपीट और घरेलू हिंसा से परेशान थी।

इस घटना से ग्रामीणों में दहशत:

इस घटना से इलाके के लोगों में काफी दहशत फैल गई है। ग्रामीण महिला और उसके बच्चों की इस दुर्दांत घटना पर दुख जता रहे हैं। गरोठ की एडिशनल SP हेमलता कुरील ने बताया कि महिला ने बयान दिए हैं। उसने अपने पति द्वारा आए दिन की जाने वाली मारपीट से परेशान थी। बीती रात भी उसका पति कंबल बेचकर आया था और उसने पत्नी से मारपीट की थी। इसी से परेशान पत्नी बच्चों को लेकर सास के पास दूसरे घर गई थी, लेकिन सास ने बहू का कोई सहयोग नहीं किया। इसके बाद महिला कुछ लोगों से खाना मांगकर आंगनवाड़ी केन्द्र में रात भर रही।

अलसुबह जब उसने घर जाने का सोचा तो उसे यह बात परेशान करने लगी कि पति फिर उससे मारपीट करेगा। घर जाकर पति की मार खाने से बेहतर उसने मौत को गले लगाना पसंद किया और अपने ही खेत पर बने कुंए में जाकर 4 बच्चों सहित छलांग लगा दी। यह देखकर ग्रामीणों ने रेस्क्यू किया और महिला को बचा लिया। मरने वाले बच्चों की उम्र महज 3 से 11 वर्ष के बीच है, जिनमें 2 लड़कियां और 2 लड़के शामिल हैं।