मधुमक्खी पालन एक बेहद ही प्राचीन व्यवसाय है। मधुमक्खियों के द्वारा निर्माण किया जाने वाला शहद एक अत्यंत महत्वपूर्ण और स्वास्थय उपयोगी खाद्य पदार्थ है। शहद एक मात्र ऐसा खाद्य पदार्थ है जोकि कभी खराब नहीं होता है। मधुमक्खी पालन के माध्यम से भारत के ग्रामीण और कुछ शहरी इलाकों में शहद का बड़ा उत्पादन किया जाता है और इस शहद का व्यवसाय करके किसान और व्यापारी काफी बड़ी कमाई प्रति माह कर रहे हैं। इसके साथ ही इस व्यवसाय को करने के लिए बहुत अधिक पूंजी निवेश की आवश्यकता नहीं होती।
Also Read-Mumbai में खसरे से हाहाकार, 7 लोगों की हुई मौत, 164 मामले आए सामने
लगानी होगी सिर्फ ये छोटी पूंजी
मधुमक्खी पालन के व्यवसाय को आरम्भ करने के लिए किसी बड़ी पूंजी की आवश्यकता भी नहीं होती है। 50000 रुपए से कम के निवेश के साथ इस व्यवसाय को आरम्भ किया जा सकता है। मधुमक्खी पालन पर 80 से 85% तक सब्सिडी केंद्र सरकार भी देती है। झारखंड सरकार द्वारा 80 प्रतिशत सब्सिडी के साथ ही कुछ अन्य राज्य सरकारें भी मधुमक्खी पालन के व्यवसाय के लिए उचित सहयता और मार्गदर्शन प्रदान करती है। इस आधार पर बहुत ही कम निवेश के साथ आप इस व्यवसाय को करके एक बहुत ही शानदार आमदनी प्रति माह कमा सकते हैं।
राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (NBB) ने नाबार्ड (NABARD) के साथ किया है टाईअप
केंद्र सरकार और राज्य सरकारों से प्राप्त सब्सिडी के अलावा नाबार्ड (NABARD) के द्वारा भी मधुमक्खी पालन के लिए उचित सहायता और मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (NBB) ने नाबार्ड (NABARD) के साथ के प्रकार का टाईअप कर रखा है, जिसके अंतर्गत दोनों मिलकर इस व्यवसाय से संबंधित सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं और साथ इस व्यवसाय के लिए वित्त आपूर्ति योजनाएं भी संचालित करते हैं।
कार्बनिक मोम के डिब्बे में होता है पालन
मधुमक्खी पालन के लिए आपको कार्बनिक मोम के डिब्बों की प्रबल आवश्यकता होती है। मधुमक्खियों के लिए ये कार्बनिक मोम के डिब्बों का वातावरण काफी अनुकूल होता है। कार्बनिक मोम के एक डिब्बे में 50 से 60 हजार मधुमक्खियों का पालन किया जा सकता है और साथ ही 90 से 100 किलो तक का शहद उत्पादन किया जा सकता है, जिसका बाजार मूल्य 400 के शुरूआती मूल्य के साथ 800 से 1000 रुपए प्रति किलो तक हो सकता है । इस प्रकार आप एक कार्बनिक मोम के डिब्बे से कई लाख रुपए की आमदनी कर सकते हैं।