स्वतंत्रता दिवस के मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आज नागपुर स्थित संघ मुख्यालय पर झंडा फहराया। ध्वजारोहण के बाद उन्होंने संघ कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और बांग्लादेश में चल रही हिंसा पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वहां के हिंदू समुदाय को बेवजह हिंसा का सामना करना पड़ रहा है, और यह भारत की परंपरा के खिलाफ है, जो हमेशा वैश्विक कल्याण के बारे में सोचता है।
पड़ोसी देश में हिंसा की चिंता
मोहन भागवत ने अपने संबोधन में कहा कि पड़ोसी देश में व्यापक हिंसा हो रही है, जिससे वहां के हिंदू नागरिक परेशान हैं। भारत की जिम्मेदारी सिर्फ अपनी सुरक्षा और स्वतंत्रता की रक्षा करना ही नहीं, बल्कि दुनिया के हित में सोचने की परंपरा भी रही है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने पिछले साल किसी देश पर हमला नहीं किया और जब भी किसी देश को मुसीबत का सामना करना पड़ा, भारत ने उसकी मदद की, चाहे उस देश ने भारत के साथ कैसा भी व्यवहार किया हो।
स्वतंत्रता और सुरक्षा की जिम्मेदारी
संघ प्रमुख ने कहा कि देश की आजादी के लिए बलिदान देने वाले लोगों और समाज के सहयोग से हमें स्वतंत्रता मिली। आज, देश की सीमाओं पर तैनात जवानों की बदौलत हम सुरक्षित हैं, और यह हमारी जिम्मेदारी है कि उनके परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। उन्होंने उल्लेख किया कि स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाली पीढ़ी अब नहीं रही, लेकिन अब हमें अपनी आजादी की रक्षा करने की जिम्मेदारी निभानी होगी।
आजादी की रक्षा का संकल्प
मोहन भागवत ने कहा कि आज हम अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं। आजादी पाने के लिए बलिदान देने वाली पीढ़ी तो चली गई, लेकिन हमें अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए इस आजादी को बनाए रखना होगा। उन्होंने बताया कि हमारी परंपरा ने हमेशा स्वतंत्रता की रक्षा और दुनिया के हित में सोचने पर जोर दिया है।