मप्र हाईकोर्ट ने वारंट जानकारी में लापरवाही के आरोप में छिंदवाड़ा एसपी विनायक वर्मा को निलंबित करने के आदेश दिये। डीजीपी को आदेश दिया है कि वे स्वयं 19 अप्रैल तक वारंट की जांच कराएं। हाईकोर्ट के अगले आदेश तक विनायक वर्मा निलंबित रहेंगे। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रवि मलमथ एवं जस्टिस विशाल मिश्रा की डबल बैंच ने जारी किया है।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने डीजीपी को आदेश दिए छिंदवाड़ा के एसपी विनायक वर्मा को निलंबित किया जाए। इस आदेश के बाद पुलिस अधिकारियों में इस बात को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। दरअसल, आपको बता दें कि तुलसी रामायण मंडल का प्लॉट एनएचएआई ने सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहित कर लिया था। इस प्लॉट के लिए आधा मुहावजा एनएचएआई के द्वारा दे दिया गया था वही आधा मुहावजा अटक गया था। जिसको लेकर तुलसी रामायण मंडल की ओर से शिवकुमार शर्मा ने इस प्रोजेक्ट डायरेक्टर के खिलाफ दर्ज कर दी थी। हालांकि, 2 से 3 बार वॉरंट दिया गया लेकिन वे कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए, जिसके बाद अब हाईकोर्ट में गैर जमानती वॉरंट जारी कर दिया है।
वही छिंदवाड़ा एसपी ने रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर यह बता दिया की प्रोजेक्ट डायरेक्टर का ट्रांसफर हो गया है। इसलिए वॉरंट पर कोई भी एक्शन नहीं लिया गया। जबकि एसपी विनायक वर्मा ने प्रोजेक्ट डायरेक्टर के ट्रांसफर कहा हुआ है। इस बात को न बताने पर कोर्ट के चीफ़ जस्टिस ने तुरंत ही डीजीपी को यह आदेश दिया की आगामी कार्रवाई तक छिंदवाड़ा के एसपी विनायक वर्मा को सस्पेंड किया जाए।
वहीं, आपको बता दें कि हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद जबलपुर से भोपाल तक हडकंप मचा हुआ है। भोपाल में बैठकों के दौर चल रहे हैं।