हाथरस। सोमवार को उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए गैंगरेप के मामले की सुनवाई लखनऊ हाईकोर्ट में हुई। बता दे की सुनवाई के दौरान पीड़ित परिवार का कहना है की जब दोषियों पर कार्यवाही नहीं होगी और उनकी बेटी को न्याय नहीं मिलेगा वो बेटी का अस्थि विसर्जन नहीं करेंगे। बता दे की बीते दिन 13 अक्टूबर को पीड़ित परिवार यूपी पुलिस की सुरक्षा सुबह 5 :30 बजे लखनऊ के लिए रवाना हुआ था। रात 11 बजे लखनऊ से वापस लौटने के बाद पीड़ित परिवार ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि उनकी बेटी के शव को उनकी इजाजत के बिना रात को चोरी छुपे जलाया गया था।
हाथरस मामले में सोमवार को पीड़ित पक्ष ने लखनऊ हाईकोर्ट में अपने बयान दर्ज कराया है। पीड़ित पक्ष का कहना है कि न्याय मिलने के बाद ही वो अपनी बेटी का अस्थि विसर्जन करेंगे। इससे पहले भी जब हाथरस प्रशासन द्वारा देर रात पीड़ित बेटी के शव को जलाया गया था जब भी पीड़ित परिवार ने काफी समय तक अपनी बेटी की चिता से अस्थिया नहीं उठाई थी।
बाद में प्रशासन द्वारा न्याय और आरोपी पर कार्यवाही का आश्वासन एवं भरोसा दिलाने के बाद पीड़ित परिवार ने वह से बेटी अस्थिया उठाई।
हाथरस कांड में यूपी सरकार की ओर से बड़ी कार्यवाही की गयी। यूपी सरकार ने हाथरस एसपी, डीएसपी और इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया एवं सरकार ने सभी पक्षों का नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराने का आदेश दिया था। इस में पीड़ित परिवार भी शामिल था। सरकार के इस आदेश के बाद में पीड़ित पक्ष ने खूब हगांमा किया था।