Gupt Navratri 2022 : 2 फरवरी से शुरू होगी गुप्त नवरात्रि, करें ऐसी माता की आराधना

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Gupt Navratri 2022 : 2 फरवरी से गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) शुरू होगी। ज्योतिषियों के अनुसार माघ माह की इस गुप्त नवरात्रि में देवी व तंत्र साधकों के लिए ही होती है लेकिन अब आम श्रद्धालुओं द्वारा भी देवी मंदिरों में पूजन अर्चन के साथ दर्शन करने का लाभ लिया जाता है। साल में चार बार नवरात्रि आती है। इनमें से दो प्राकट्य व दो गुप्त होती है। प्राकट्य चैत्र व कुंवार माह में होती है।

Navratri Upay 2021

साधनाओं के लिए श्रेष्ठ
ज्योतिषियों ने बताया कि वर्ष में दो बार आने वाली गुप्त नवरात्रि गुप्त तरह की साधना करने के लिए अति श्रेष्ठ रहती है। यही कारण होता है कि उज्जैन, कामख्या, बगुलामखी जैसे सिद्ध स्थानों पर तंत्र व देवी साधम नौ दिनों में जुटकर साधना करते है।

Navratri 2021

 

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इस तरह से करें पूजन
वैसे सामान्य लोगों के लिए गुप्त नवरात्रि मान्य नहीं होती है लेकिन इसके बाद भी कुछ वर्षों से ये गुप्त नवरात्रि लोगों के लिए महत्व रखने लगी है। ज्योतिषियों के अनुसार नौ दिनों तक सामान्य पूजन अर्चन करना चाहिए। सुबह शाम माता की आराधना पूजन करने के साथ यथा योग्य भोग अर्पण कर सुख समृद्धि की प्रार्थना करें तो निश्चित ही देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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हरसिद्धि का महत्व
तंत्र व देवी साधक उज्जैन के साथ ही अन्य शक्तिपीठों का महत्व गुप्त नवरात्रि में अधिक मानते है। उज्जैन में भी हरसिद्धि मंदिर एक शक्तिपीठ है।  इस शक्तिपीठ की स्थिति को लेकर विद्वानों में मतभेद हैं। कुछ उज्जैन के निकट शिप्रा नदी के तट पर स्थित भैरवपर्वत को, तो कुछ गुजरात के गिरनार पर्वत के सन्निकट भैरवपर्वत को वास्तविक शक्तिपीठ मानते हैं।  दोनों ही स्थानों पर शक्तिपीठ की मान्यता है। हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। देवी पुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है।

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