वैसे तो हमारे देश में हर त्यौहार बडे ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है | लेकिन माता के नवरात्रो की बात अलग ही होती है हिन्दू मान्यताओं के अनुसार वर्ष में 4 नवरात्र आते है जिसमे माघ व् आषाढ़ में गुप्त नवरात्री आती है व् चैत्र व् शारदीय नवरात्र उजागर होती है | जिसमे भक्त पूरी श्रद्धा व् आस्था के साथ माता का पूजन अर्चन करते है |आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि गुरुवार 30 जून से शुरू हो रही है,तथा इसका समापन 8 जुलाई को होगा।
मंदिरो में लगेगा भक्तो का तांता
नवरात्र के दिनों में माता के दरबार में भक्तो का सैलाब उमड़ता है | देश में माता के कई मंदिर व् शक्तिपीठो में इन दिनों माता की आराधना व् पूजन बड़े ही जतन से की जाती है कई मंदिरो में अष्टमी व् नवमी को भोग प्रशाद व् भंडारे का आयोजन भी किया जाता है जिसमे बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते है
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इन दिनों में माँ होती है प्रसन्न
गुप्त नवरात्र सामन्यतः तंत्र सिद्धि के लिए उपयुक्त मानी जाती है ऐसा कहा जाता है की जो भी अघोरी या तांत्रिक इन गुप्त नवरात्र में माँ को प्रसन्न करता है उसे तंत्र सिद्धि अवश्य प्राप्त होती है | गुप्त नवरात्रि के नौ दिन में महाविद्याओं की खास साधना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में मां के नौ रूपों की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है। गुप्त नवरात्रि में जो जातक पूरे विधि-विधान से मां दुर्गा की पूजा करते हैं, उन पर दुर्गा मां प्रसन्न होकर अपनी विशेष कृपा बरसाती हैं। नवरात्रि के इन पावन दिनों में सुबह-शाम माता रानी के भक्त भजन-कीर्तन हैं। ऐसे में यदि नौ दिनों तक मां दुर्गा को खास चीजों का भोग लगाया जाए, तो मां जल्द प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों को सुख-सौभाग्य और आरोग्य का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।